केंद्र सरकार ने हाल ही में सेना में युवाओं की भर्ती के नियमों को बदलते हुए अग्रिपथ योजना (Agnipath Scheme) को जारी किया है, जिसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में 'अग्निवीर' (Agniveer) के तौर पर भर्ती किया जाता है. इसके बाद करीब एक चौथाई कैंडीडेट्स को ही आगे बढ़ाया जाता है. हालांकि केंद्र सरकार की इस योजना का काफी विरोध भी किया गया था. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही पोस्ट शेयर किया जा रहा है, जिसमें इस बात का दावा किया जा रहा है सेना के जैसे ही अब शिक्षकों की भी अग्निवीरों (Agniveer) के जैसे भर्ती होगी. इसके साथ ही इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति ने इसके लिए मंजूरी भी दे दी है. आइए जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है.

क्या है वायरल पोस्ट

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सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट में इस बात का दावा किया गया है कि सेना में अग्निपथ योजना के जैसे ही अब शिक्षकों की भी अग्निवीरों के तहत भर्ती की जाएगी. इसमें कहा गया है कि B.Ed  वालों के लिए अग्निवीर के तौर पर भर्ती की जाएगी. इसमें 4 गुना ज्यादा शिक्षक लिए जाएंगे. 

 

इस वायरल पोस्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि 1 सितंबर, 2022 से यह नया नियम लागू हो जाएगा और इसके तहत शिक्षकों की 10 साल के लिए भर्ती की जाएगी. इसके साथ ही इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि इस योजना के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी मंजूरी दे दी है. 

क्या है वायरल पोस्ट की सच्चाई

पोस्ट के वायरल होने के बाद सरकार की तरफ से पीआईबी ने इसका फैक्ट चेक किया. पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है और केंद्र सरकार की तरफ से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. 

संदिग्ध मैसेज फॉरवर्ड न करें

पीआईबी ने लोगों से इस तरह के किसी भी मैसेज को आगे फॉरवर्ड नहीं करने की सलाह दी है, जो या तो लुभावने ऑफर दे रहा हो या फिर किसी ऐसी जानकारी को साझा कर रहा हो, जिसे मानना आसान नहीं हो. हमेशा ऐसे मैसेज को फॉरवर्ड करने के पहले उसकी सच्चाई जान लें. यदि आपको कोई सोशल मीडिया पोस्ट या मैसेज संदिग्ध लग रहा हो, तो आप इसे पीआईबी के पास फैक्ट चेक के लिए भेज सकते हैं. इसके लिए आपको इसके नंबर 8799711259 पर या मेल आईडी socialmedia@pib.gov.in पर जानकारी भेजनी होगी.