Rage Applying: गुस्से में नौकरी ढूंढने का आया नया ट्रेंड, कितना अलग है तरीका और क्या बढ़ाएगा आपकी सैलरी? पढ़ें
Rage Applying: हमने पिछले साल Quite Quitting, Ghosting और Acting Your Wage यानी जितनी सैलरी मिल रही है, उतना ही काम करो, जैसे ट्रेंड देखे, और इस साल की शुरुआत भी एक नए ट्रेंड के साथ हुई है, और वो है- Rage Applying.
Rage Applying: साल 2022 ने बहुत कुछ देखा. मंदी की आशंका और महंगाई की मार ने जॉब मार्केट में बड़ी उथल-पुथल मचाई. लेकिन यंग मिलेनियल्स और Gen-Z की हमारी इस पीढ़ी ने बताया कि वो वर्कप्लेस को लेकर ट्रेडिशनल तरीकों से आगे बढ़ रहे हैं. हमने पिछले साल Quite Quitting, Ghosting और Acting Your Wage यानी जितनी सैलरी मिल रही है, उतना ही काम करो, जैसे ट्रेंड देखे, और इस साल की शुरुआत भी एक नए ट्रेंड के साथ हुई है, और वो है- Rage Applying. अगर आप अपनी मौजूदा नौकरी से संतुष्ट नहीं हैं, आपको लगता है कि आपको उतनी वैल्यू नहीं दी जाती, जितनी आप मेहनत करते हैं, या फिर आपके अंदर भी कुढ़ है कि "यार वो प्रमोशन तो मैं भी डिज़र्व करता/ती हूं" तो ये ट्रेंड आपके लिए ही है.
इसका सीधा मतलब है कि अपनी मौजूदा जॉब से नाखुशी की हालत में कई कंपनियों में एक साथ धड़ाधड़ अप्लाई करना. यह ट्रेंड TikTok से आया है, जहां हर रोज़ नए ट्रेंड बनते हैं, अच्छे या बुरे वो हम नहीं कह सकते. वैसे भी हमारे पास कुछ कहने को टिकटॉक है भी नहीं. खैर, टिकटॉक पर युवा प्रोफेशनल्स ने ये मुद्दा उठाया है कि वो अपनी नौकरी में underappreciated, undervalued फील करते हैं, और बेहतर अवसर के हकदार हैं, इसलिए सबको Rage Applying ट्राई करनी चाहिए.
Fortune वेबसाइट के अनुसार, ऐसे बहुत से टिकटॉकर्स हैं, जिन्होंने दावा किया है कि रेज अप्लाईंग के जरिए उन्हें ज्यादा जॉब ऑफर मिले हैं, और सैलरी हाइक भी कई गुना बेहतर मिली है. कइयों ने दावा किया है कि इस तरीके से उन्हें इतनी अच्छी सैलरी हाइक मिली, जो उन्हें एक ही जॉब में रहकर सालों तक नहीं मिल पाती.
मंदी के डर के बीच कितना कारगर है Rage Applying, क्या लॉन्ग टर्म में करेगा काम?
सबसे पहले तो एक बार ये पॉइंट ऑफ व्यू समझना जरूरी है कि यह महंगाई और कॉस्ट ऑफ लिंविंग को देखते हुए जॉब और सैलरी सैटिस्फैक्शन कितनी अहम चीज है. युवाओं की नई पीढ़ी इस लक्ष्य के साथ भी नौकरी ढूंढ रही है, जहां उन्हें अपने होने काम मतलब समझ आए, जहां उन्हें लगे कि वो कोई उद्देश्य पूरा कर रहे हैं, ऐसे में जॉब मार्केट का ट्रेंड तेजी से बदलना वाजिब है.
लेकिन अगर मंदी और छंटनी का डर देखें तो ये तरीका बस हड़बड़ी में उठाया गया कदम लग सकता है और हो सकता है कि लॉन्ग टर्म में ये करियर के लिए बहुत अच्छा भी साबित न हो, क्योंकि कोई भी कंपनी ऐसे कर्मचारियों को हायर नहीं करना चाहती, जिनके मोटिव में एक्स-वर्कप्लेस के लिए निगेटिविटी भरी हो.
ऊपर से पिछले एक साल में Quite Quitting या फिर बिल्कुल जरूरत भर का काम करने या फिर अपने बॉस को Ghost करने का जो ट्रेंड है, वो एक पैटर्न खींचता है, उसमें जो एक चीज सिरे से गायब है, वो है कम्युनिकेशन. यह किसी भी बिजनेस या वर्कप्लेस का बहुत अहम टूल है. लेकिन इसके गायब होने का मतलब है कि सिस्टम सही से काम नहीं कर रहा. जाहिर है, ये न इंप्लॉयर के लिए अच्छी बात है, न ही इंप्लॉई के लिए.
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