केंद्र सरकार और उद्योग जगत के बीच बेसिक सैलरी में भत्तों को शामिल करने पर सहमति लगभग बन गई है. सहमति के आधार पर कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों की नई श्रेणी तैयारी की जा रही है. खबरों के मुताबिक सैलरी का नया स्ट्रक्चर अगले वित्त वर्ष से लागू किया जा सकता है. नया सैलरी स्ट्रक्चर देशभर में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के साथ ही शुरू होने की संभावना जताई जा रही है.

इस मामले पर केंद्र सरकार कर रही है काम
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही सैलरी और उसके साथ मिलने वाले भत्तों का नया स्ट्रक्चर बनाने का काम शुरू कर दिया था. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक सरकार के बेसिक सैलरी में भत्तों का हिस्सा जोड़ने की बात को उद्योगों ने कुछ शर्तों के साथ सहमति दे दी है.
 
श्रमिक संघों ने की शिकायत
दरअसल श्रमिक संघों की ओर से लगातार इस बात की शिकायत की जा रही थी कि कंपनियां कर्मचारियों को कम PF देने के लिए उनके सैलरी स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी को कम रखती हैं. इससे एक तरफ जहां कर्मचारी की बेसिक सैलरी कम रह जाती है वहीं उसके PF खात में भी बहुत कम पैसा जुड़ पाता है. सरकार की ओर से तैयार किए जा रहे नए नियमों के मुताबिक कर्मचारी की बेसिक सैलरी में सभी भत्तों को जोड़ दिया जाएगा. इसके चलते कंपनियों को PF में ज्यादा पैसे जमा करने होंगे. इससे कर्मचारियों की PF की राशि बढ़ जाएगी. हालांकि कर्मचारी को हर महीने हाथ में मिलने वाली सैलरी में कमी आएगी.
 
उद्योग जगत ने रखी ये शर्त
उद्योग जगह ने सरकार से कहा है कि अगल - अलग क्षेत्रों के लिए भत्ते की श्रेणी को स्पष्ट कर दिया जाए ताकि उसी हिसाब से बेसिक सैलरी में भत्तों को जोड़ा जाए. सहीं उद्योग जगत ने मांग की है कि सैलरी के नए स्ट्रक्चर को सभी क्षेत्रों में एकसाथ लागू किया जाए.