सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के 42,000 से अधिक कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए शनिवार को इन्हें सेवानिवृत्ति लाभ के तौर पर एक बार और पेंशन विकल्प देने का निर्णय किया है. सरकारी बीमा कंपनियों के उन अधिकारियों, कर्मचारियों को यह लाभ दिया जाएगा जिन्होंने पहली बार में पेंशन विकल्प को नहीं अपनाया था और जिन्होंने 28 जून 1995 को अथवा इससे पहले नौकरी शुरू की थी.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक ट्विट में कहा कि सरकार ने 28 जून 1995 को या इससे पहले नौकरी शुरू करने वाले सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के छूट गये कर्मचारियों को पेंशन सुविधा अपनाने का एक और विकल्प देने को मंजूरी दी है. इससे 10,720 वरिष्ठ नागरिकों समेत 42,720 कर्मचारियों को लाभ होगा. इन कर्मचारियों ने पेंशन के बजाय योगदान वाले भविष्य निधि विकल्प को चुना था.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कुल लाभार्थियों में 24,595 भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी हैं. शेष 18,125 कर्मचारी पांच साधारण बीमा कंपनियों - जीआईसी, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड - के शामिल हैं.

वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि इन कर्मचारियों जिनमें से कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं, की दिक्कतों को दूर करने के लिये सरकार ने कल्याणकारी कदम उठाते हुए 28 जून 1995 को या इससे पहले इन कंपनियों में नौकरी से जुड़ने वाले लोगों को भागीदारी भविष्य निधि कोष के बदले में संबंधित कंपनियों की पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है. सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में जून 1995 से सेवानिवृत्ति लाभ के तौर पर पेंशन की शुरुआत की गई थी.