एमटीएनएल और बीएसएनएल में होगी भारी छंटनी, VRS योजना के लिए चुनाव आयोग से ली जाएगी मंजूरी
दूरसंचार विभाग एमटीएनएल और बीएसएनएल कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश करने को लेकर मंत्रिमंडल नोट जारी करने के लिये चुनाव आयोग से मंजूरी मांगेगा.
दूरसंचार मंत्रालय एमटीएनएल और बीएसएनएल कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश करने को लेकर मंत्रिमंडल नोट जारी करने के लिये चुनाव आयोग से मंजूरी मांगेगा. दूरसंचार विभाग मंत्रिमंडल के विचार के लिए नोट तैयार कर रहा है जिसमें बीएसएनएल और एमटीएनएल के 50 साल से ऊपर के कर्मचारियों के लिये वीआरएस की पेशकश की सिफारिश होगी. सरकार के एक अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विभाग बीएसएनएल और एमटीएनएल कर्मचारियों के लिये वीआरएस लाने को लेकर मंत्रिमंडल नोट तैयार कर रहा है. विभाग मंत्रिमंडल के पास प्रस्ताव भेजने की मंजूरी के लिये जल्दी ही चुनाव आयोग से संपर्क करेगा.’’
भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) के कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख जबकि एमटीएनएल में 22,000 कर्मचारी हैं. ऐसा अनुमान है कि अगले पांच से छह साल में एमटीएनएल के 16,000 कर्मचारी तथा बीएसएनएल के 50 प्रतिशत कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे. बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिये वीआरएस से क्रमश: 6,365 करोड़ रुपये तथा 2,120 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ सकता है.
विभाग वीआरएस के वित्त पोषण के लिये 10 साल का बांड जारी करेगा. कंपनी बांड का भुगतान भूखंडों को बाजार से चढ़ाने से प्राप्त पट्टा आय के जरिये करेगी. एमटीएनएल के मामले में वेतन अनुपात 90 प्रतिशत पहुंच गया है जबकि बीएसएनएल के मामले में यह करीब 60 से 70 प्रतिशत है. दोनों दूरसंचार कंपनियों ने कर्मचारियों को गुजरात मॉडल के आधार पर वीआरएस देने का आग्रह किया है.
गुजरात माडल के तहत कर्मचारियों को पूरा किये गये प्रत्येक सेवा वर्ष के लिये 35 दिन का वेतन तथा सेवानिवृत्ति तक बचे हुए सेवा वर्ष के लिये 25 दिन का वेतन की पेशकश की गयी. यह पूछे जाने पर कि इस योजना के अंतर्गत कितने कर्मचारी आएंगे, अधिकारी ने कहा कि इसमें 50 साल से ऊपर के सभी कर्मचारी आएंगे. उसने कहा कि यह स्वैच्छिक योजना है, ऐसे में कर्मचारियों की वास्तविक संख्या का निर्धारण नहीं किया जा सकता.