EPFO ने बुजुर्गों की पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए करने का प्रस्‍ताव किया है. इसके खिलाफ देशभर के पेंशनर एकजुट हो गए हैं. उनका कहना है कि महंगाई के बीच सिर्फ 2000 रुपए पेंशन में उनका गुजारा नहीं होगा. EPFO को इसे बढ़ाकर 7500 रुपए महीना करना होगा. पेंशनरों ने शुक्रवार को दिल्‍ली में EPFO दफ्तर के सामने विरोध भी जताया. 

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क्‍या है डिमांड

पेंशनरों की डिमांड है कि EPFO 2013 की कोशियारी समिति की सिफारिशों को लागू करे. समिति ने अपनी रिपोर्ट में पेंशन की रकम को बढ़ाकर 7500 रुपये करने की सिफारिश की थी. पेंशनरों का कहना है कि उन्‍हें 5000 रुपये महंगाई भत्ता (DA) और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वास्तविक वेतन पर हायर पेंशन भी मिलनी चाहिए. 

छूटे लोगों को भी EPS में लाने की डिमांड

पेंशनधारकों का यह भी कहना है कि जो रिटायर कर्मचारी EPF योजना में नहीं हैं, उन्हें पेंशन स्‍कीम में लाया जाए या 5000 रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाएं. 

12 जुलाई को भी हुआ था घेराव

ऑल इंडिया EPS-95 पेंशनर्स संघर्ष समिति के प्रेसिडेंट कमांडर अशोक राउत ने बताया कि इससे पहले 12 जुलाई को बेंगलुरु, कडप्पा, देहरादून, मेरठ और आगरा में EPF पेंशनरों ने ईपीएफ दफ्तरों का घेराव किया था. 

क्‍या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों EPFO की याचिका को खारिज करते हुए 1 अप्रैल को केरल हाईकोर्ट के उसे फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें ईपीएस-95 के पेंशनर्स को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से बढ़ी हुई पेंशन देने का आदेश दिया गया था. 

क्‍या है सिफारिश

राउत ने बताया कि EPFO ने 1000 रुपए महीने की पेंशन को बढ़ाकर 2000 रुपये करने की सिफारिश की है. राउत ने बताया कि पेंशन धारकों के मामले में एक्सपर्ट कमेटी और कोशियारी कमेटी की रिपोर्ट सरकार के पास थी, लेकिन जनवरी 2018 में दूसरी हाई इंपावर्ड मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई, जिसने पेंशन डबल करने की सिफारिश की थी.