7वां वेतन आयोग नहीं, इस लिए आरपार की लड़ाई लड़ेंगे ये लाखों कर्मचारी, 20 दिसंबर को होगा बड़ा आंदोलन
सरकारी कर्मचारियों के 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक वेतन (Basic Salary) बढ़ाने की मांग के साथ पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की मांग तेज हो रही है.
सरकारी कर्मचारियों के 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक वेतन (Basic Salary) बढ़ाने की मांग के साथ पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की मांग तेज हो रही है. इस मांग को लेकर देशभर के सरकारी कर्मचारियों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी धरना प्रदर्शन किया था. कैबिनेट सेक्रेटरी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांग पर गौर किया जाएगा.
इस बीच, केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अपना योगदान 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया है, जिससे कर्मचारी नाकाफी बताते हैं. उनका कहना है कि सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले कैसे भी पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी होगी. इसके लिए कर्मचारी संगठन एक और बड़े धरना प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. 20 दिसंबर को लखनऊ में लाखों कर्मचारी इकट्ठा होकर सरकार से ओपीएस लागू करने की मांग करेंगे.
चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार करने की चेतावनी
कर्मचारी नेताओं ने यहां तक चेतावनी दी है कि अगर यूपी सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हमारी मांग पूरी नहीं की तो हम लोकसभा चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे. संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी प्रांतीय अध्यक्ष एसपी तिवारी ने जी बिजनेस डिजिटल से कहा कि 20 दिसंबर को लाखों कर्मचारी यहां लखनऊ में इकट्ठा होकर प्रदर्शन करेंगे. तिवारी ने कहा कि इस धरना प्रदर्शन को अन्य बड़े कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है.
चेतना रथ यात्रा से लामबंद हुए कर्मचारी
यूपी में राज्य कर्मचारी सरकार से उस पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांग कर रहे हैं जिसे 2004 में खत्म कर दिया गया था. हालांकि बाद में केंद्र सरकार की ओर से नई पेंशन योजना (NPS) लागू कर दी गई थी. लेकिन सरकारी कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं. वह पुरानी पेंशन योजना ही चाहते हैं. उनका कहना है कि एनपीएस से उनके हित सुरक्षित नहीं हैं. इस विरोध में संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी ने 29 अक्टूबर 2018 से 'पुरानी पेंशन बचाओ-चेतना रथ यात्रा' निकाली थी. यूपी समेत 3 राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जोरदार प्रोटेस्ट चल रहा है.
पुरानी पेंशन के ये हैं फायदे
1- ओपीएस वह पेंशन योजना है जिसमें पेंशन अंतिम ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है, हालांकि सरकार ने एनपीएस में भी कुछ ऐसा ही प्रावधान किया है.
2- OPS में महंगाई दर बढ़ने के साथ डीए (महंगाई भत्ता) भी बढ़ जाता है.
3- जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है.
क्या है एनपीएस
एस 4 के संयोजक आरके वर्मा ने जी बिजनेस डिजिटल को बताया कि कई राज्यों में पहली अप्रैल 2004 से नेशनल पेंशन सिस्टम या न्यू पेंशन स्कीम (NPS) लागू की गई है. NPS में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पुराने कर्मचारियों की तरह पेंशन व पारिवारिक पेंशन के घोषित लाभ नहीं मिलेंगे. इस योजना में नए कर्मचारियों से वेतन और महंगाई भत्ते का 10% अंशदान लिया जाता है. इतना ही अंशदान सेवायोजक यानी राज्य या केंद्र सरकार अथवा संबंधित स्वायत्तशासी संस्थानिजी शिक्षण संस्था को करना होता है.
2004 में लागू हुई नई योजना
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2004 में नई पेंशन योजना लागू की थी. इसके तहत नई पेंशन योजना के फंड के लिए अलग से खाते खुलवाए गए और फंड के निवेश के लिए फण्ड मैनेजर भी नियुक्त किए गए थे. यदि पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न अच्छा रहा तो प्रॉविडेंट फंड और पेंशन की पुरानी स्कीम की तुलना में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय भविष्य में अच्छी धनराशि भी मिल सकती है. लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न बेहतर ही होगा, यह कैसे संभव है. इसलिए वे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं.