7वां वेतन आयोग: पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, जल्द हो सकता है बड़ा ऐलान
पेंशन को बढ़ाने पर विचार 15 जनवरी तक हो सकता है. दरअसल, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री मंत्री रामृपाल यादव की अध्यक्षता में एक बैठक होने वाली है.
केंद्रीय कर्मचारियों का इंतजार भले ही लंबा हो रहा हो, लेकिन आने वाले दिनों में उनकी समस्या का समाधान निकलने की उम्मीद दिखाई दे रही है. सरकार एक-एक कर सभी मुद्दों का समाधान निकालने में जुटी है. यही वजह है कि अब पेंशनधारकों को जल्द ही मोदी सरकार तोहफा दे सकती है. दरअसल, 2019 के चुनाव से पहले सरकार वृद्धों, विधवा और दिव्यांगों को साधने की कोशिश कर रही है. यही वजह है कि मोदी सरकार की लिस्ट में इन तीन वर्गों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी हो रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो वृद्धों, दिव्यागों और विधवा महिलाओं की पेंशन को 5 गुना करने का प्लान है. इसमें बढ़ोत्तरी के लिए 48 हजार करोड़ रुपयों की जरूरत होगी.
15 जनवरी को हो सकता है ऐलान
पेंशन को बढ़ाने पर विचार 15 जनवरी तक हो सकता है. दरअसल, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री मंत्री रामृपाल यादव की अध्यक्षता में एक बैठक होने वाली है. इस बैठक में पेंशन को लेकर अहम फैसला होने की उम्मीद है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस समय देश में करीब 3 करोड़ लोगों को पेंशन दी जाती है.
कितनी बढ़ सकती है पेंशन
मौजूदा व्यवस्था में 2.40 करोड़ बुजुर्ग, 60 लाख विधवाएं और करीब 10 लाख दिव्यांग को पेंशन दी जाती है. अलग-अलग राज्यों में प्रतिमाह 200 रुपए से लेकर 500 रुपए तक पेंशन का भुगतान होता है. अब सरकार की योजना इन सभी को कम से कम 1000 रुपए की पेंशन देने की योजना है. वहीं, जिन राज्यों में ज्यादा पेंशन है तो उसी अनुपात में पेंशन बढ़ाने पर विचार हो सकता है.
केंद्र और राज्य का तय होगा शेयर
15 जनवरी को होने वाली बैठक के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के सदस्य, स्वयंसेवी संस्थाओं समेत सभी हिस्सेदारों को बुलाया है. इसमें सभी हिस्सेदारों से पेंशन के मद में दी जाने वाली राशि के लिए केंद्र और राज्य का शेयर तय करने पर चर्चा की जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार, सरकार केंद्र और राज्य का शेयर 50-50 फीसदी करने पर सहमति बना सकती है. बढ़ी हुई पेंशन 1 अप्रैल 2019 से दी जाएगी.
अभी मिलती है इतनी पेंशन
दिल्ली, हरियाणा और आंध्र प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 1000 हजार रुपए देते हैं. वहीं यूपी, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश में 300 से 650 रुपए तक की राशि दी जाती है. केंद्र की इस योजना से देश के करीब 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा.