मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने उनकी फैमिली पेंशन बढ़ाने का फैसला किया है. इसके मुताबिक अगर किसी कर्मचारी की 7 साल से कम की नौकरी में मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 30% की बजाय 50% फैमिली पेंशन मिलेगी. यह पेंशन कर्मचारी की लास्‍ट ड्रान सैलरी की 50% होगी.

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सरकार ने यह कदम सशस्‍त्र बल सेवा की विधवाओं का ध्‍यान में रखकर उठाया है. इससे पहले सरकारी कर्मचारी को कम से कम 7 साल की सेवा पूरी करना अनिवार्य था. तभी उस परिवार को 50 प्रतिशत फैमिली पेंशन बनती थी.

पेंशन रूल बदला

सरकार ने इसके लिए सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल में बदलाव किया है. यह नियम 1 अक्‍टूबर 2019 से लागू है. राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सरकार के इस आदेश को गजट कर दिया है.

क्‍या है आदेश में

आदेश के मुताबिक अगर किसी कर्मचारी की 1 अक्‍टूबर 2019 से पहले 10 साल में मृत्‍यु हो चुकी है तो फैमिली को बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी. इसमें 7 साल की लगातार सेवा की शर्त हटा दी गई है.

क्‍या थी पहले गाइडलाइन

एजी ऑफिस ब्रदरहुड प्रयागराज के पूर्व अध्‍यक्ष हरीशंकर तिवारी ने बताया कि बढ़ी हुई पेंशन पाने के लिए कर्मचारी की कम से कम 7 साल की सर्विस जरूरी थी. सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक हालांकि, इसके लिए परिवार को फैमिली पेंशन पाने की अन्य शर्तें पूरी करना जरूरी है. मृत्यु पर ग्रैच्युटी HoD के मुहर लगाने के बाद ही तय होगी.

रूल 54 में बदलाव

नोटिफिकेशन के मुताबिक बढ़ी हुई फैमिली पेंशन कर्मचारी के कॅरियर की शुरुआत में मृत्यु की स्थिति में ज्‍यादा जरूरी है, क्योंकि तब उसका वेतन भी कम होगा. सरकार ने नोटिफिकेशन के जरिये सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 1972 के नियम 54 में बदलाव किया है.