7th Pay Commission के तहत वेतन भत्त दिए जाने, पुरानी पेंशन स्कीम व अपनी 47 सूत्रीय मांगों को ले कर रेल कर्मचारियों ने आंदोलन की घोषणा कर दी है. इस आंदोलन के रोडमैप के तहत सोमवार को रेल कर्मचारियों के संगठनों की ओर से देश भर में जनजागरण अभियान शुरू कर दिया गया है. इस अभियान के तहत 26 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक रेलवे के विभिन्न कार्यालयों, स्टेशनों, यार्ड व अन्य जगहों पर प्रदर्शन कर लोगों को वर्क टू रूल क्या होता है इसके बारे में बताया जाएगा. गौरतलब है कि रेलवे कर्मचारियों के संगठनों ने 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने की घोषणा की है.

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मांगों को ले कर जारी किया गया शिड्यूल

रेलकर्मियों के संगठन नार्दन रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा की ओर से जारी किए गए आंदोलन के शिड्यूल के तहत 26 नवम्बर से आंदोलन शुरू कर दिया गया. 26 से 30 नवम्बर तक पूरे उत्तर रेलवे में जम्मू से ले कर वाराणसी तक धरना- प्रदर्शन व रैली सभाओं का आयोजन कर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के माध्यम से रेल कर्मियों को मांगों के प्रति जागरूक करने के साथ ही 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने को कहा जाएगा. इसके बाद 03 दिसम्बर को नार्दन रेलवे की सभी शाखाओं पर प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा और लोगों को रेल कर्मियों की मांगों पर प्रशासन की अब तक की प्रतिक्रिया के बारे में बताया जाएगा.

लखनऊ में सुबह ही शुरु हुआ जनजागरण अभियान

सोमवार को सुबह लखनऊ में चारबाग स्थित लोको वर्कशाप में नॉर्दन रेलवे मेन्स यूनियन के मंडल मंत्री बी.डी. मिश्रा व सहायक  मंडल  मंत्री सुधाकर मिश्रा के नेतृत्व में  सरकार  व प्रशासन के  कर्मचारी विरोधी रवैया के विरोध अपनी मांगों को ले कर 11 दिसंबर से प्रस्तावित "वर्क टू  रूल" के तहत काम करने के बारे में जानकारी देने के लिए  जन जागरण अभियान के अंतर्गत डीजल शॉप में जनसभा का आयोजन किया गया. यहां लोगों को बताया गया कि 08 घंटे पूरे होने पर कर्मचारियों को कोई भी काम के लिए बाध्य नहीं कर सकता है.

11 दिसम्बर से लागू होगा वर्क टू रूल

इस आंदोलने के तहत रेल कर्मियों ने 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने की घोषणा की है. नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि इस वार्षिक सम्मेलन में वर्किंग कमेटी ने अंतिम तौर पर वर्क टू रूल क तहत काम करने का निर्णय ले लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहले ही प्रशासन को नोटिस दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, न्यूनतम वेतन में वृद्धि व पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांगों को प्रमुखता से रखा गया. उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही रेलवे कर्मचारियों की इन समस्याओं का समाधान सरकार की ओर से नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

ये हैं रेल कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

रनिंग कर्मचारियों के रनिंग एलाउंस व अन्य भत्तों को 7 वें सेतन आयोग के तहत दिया जाए. वहीं अब तक के भत्तों का एरियर जल्द से जल्द दिया जाए.

 गुड्स गार्ड, सहायक लोको पायलट, लोको पायलट व गार्ड को अतिरिक्त भत्ते देते हुए उनके वेतनमान में सुधार किया जाए. साथ ही रेलवे गार्ड के पदनाम में जल्द से जल्द परिवर्तन किया जाए.

तकनीशियन ग्रेड 2 को तकनीशियन ग्रेड 1 के साथ समाहित कर उच्च वेतनमान दिया जाए. ग्रुप सी के शीर्ष कर्मचारियों को ग्रुप बी का दर्जा दिया जाए. 4600 ग्रेड पे वाले कर्मियों के वेतन में सुधार कर उन्हें 4800 ग्रेड पे दिया जाए.

जिन श्रेणियों में कैडर रीस्ट्रैचर नहीं हुए हैं उनमें जल्द से जल्द कैडर की रीस्ट्रक्चरिंग की जाए.

रेलवे कॉलोनियों की दुर्दशा को जल्द ठीक किया जाए.