7वां वेतन आयोग : इस राज्य के सरकारी डॉक्टरों की बढ़ेगी सैलरी, मिलेगा प्रमोशन
केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ 1 जनवरी 2016 से मिल रहा है, लेकिन तमिलनाडु के सरकारी डॉक्टरों को अब तक इसका लाभ नहीं मिला है.
केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का लाभ 1 जनवरी 2016 से मिल रहा है, लेकिन तमिलनाडु के सरकारी डॉक्टरों को अब तक इसका लाभ नहीं मिला है. उन्होंने 7वें वेतन आयोग का लाभ लेने के लिए कई बार धरना प्रदर्शन किया. अब राज्य सरकार ने उनकी सुन ली है. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सरकारी डॉक्टरों की मांग पूरी करने के लिए एक कमेटी बनाई है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार फैसला लेगी.
19 सितंबर को बनी है कमेटी
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक समिति का गठन 19 सितंबर को किया गया है. डायरेक्टर ऑफ मेडिकल सर्विसेज, डायरेक्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ और डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन के साथ-साथ सरकारी डॉक्टरों की एसोसिएशन की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के दो सदस्य और एक अन्य सदस्य को समिति में जगह मिली है. यह समिति 4 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी, जिसमें सैलरी बढ़ाने के फैसले से पहले उसकी व्यापक समीक्षा होगी.
प्रमोशन 10 साल देर से मिलता है
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस समिति का गठन हुआ है. डॉक्टरों के मुताबिक एंट्री लेवल स्तर पर केंद्र और राज्य के डॉक्टरों की सैलरी एक है लेकिन केंद्र में नियुक्त डॉक्टरों को प्रमोशन तेजी से मिलता है. साथ ही उनकी सैलरी भी समय पर बढ़ती है. लेकिन राज्य सरकार में प्रमोशन 10 साल की देरी से होता है. डॉक्टरों ने सरकार की पहल के बाद तय किया है कि वे अब कोई भी विरोध-प्रदर्शन नहीं करेंगे. ऐसा कम से कम 4 हफ्ते तक होगा ताकि मरीजों के इलाज में कोई कमी न रह जाए.
क्या है केंद्रीय कर्मचारियों की मांग
केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतनमान 18000 से बढ़ाकर 26000 रुपए प्रति माह कर दिया जाए. ऐसा फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाने से होगा. कर्मचारियों ने इसे लेकर प्रदर्शन भी किया है, जिसमें रेलवे कर्मचारी भी शामिल हुए. ऑल इंडिया प्रोटेस्ट डे नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) ने बुलाया था. यह केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठनों की सर्वोच्च इकाई है. इसकी मांग है कि न्यूनतम भत्ते को बढ़ाया जाए, नई योगदान वाली पेंशन योजना को खत्म किया जाए और पेंशन फिटमेंट फॉर्मूला में ऑप्श्ान 1 को मंजूरी दी जाए.