दिल्ली सरकार मौजूदा न्यूनतम वेतन में 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी करने की तैयारी में हैं. सरकार ने मूल्य संग्रह समिति ने महंगाई दरों के हिसाब से मौजूदा वेतन में वृद्धि करने की सिफारिश की है. यदि ऐसा होता है तो गैर प्रशिक्षित श्रेणी में आने वाले लगभग 30 लाख कर्मियों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि हो जाएगी ओर इन कर्मियों का वेतन 13350 रुपये से बढ़ कर 14842 रुपये हो जाएगा.

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सभी श्रेणियों के लोगों को योजना का लाभ मिलेगा

जिस तरह से गैर प्रशिक्षित श्रेणी में वेतन वृद्धि हो रही है इसी तरह सभी श्रेणियों के कर्मियों को इस योजना का लाभ मिलेगा. दिल्ली सरकार ने मार्च 2017 में न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की थी. लेकिन सरकार के इस कदम के विरोध में कुछ लोग हाईकोर्ट चले गए थे. न्यायालय ने सुनवाई के बाद 04 सितम्बर 2018 को न्यूनतम वेतन पर रोक लगा दी. इसके विरोध में सराकर को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा. वहां दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला आया. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सरकार को न्यूनतम वेतन बढ़ाने का निर्देश दिया. साथ ही सरकार को फिर से न्यूनतम वेतन बढ़ाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तीन महीने का समय भी दे दिया गया.

6 श्रेणियों में वेतन वृद्धि की हुई है शिफारिश

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सरकार ने मूल्य संग्रह समिति बनाई.  मूल्य संग्रह समिति ने विभिन्न खाद्य पदार्थों के मूल्य, बिजली, ईंधन, शैक्षिक व सामाजिक खर्चों के मूल्य व खादी ग्रामोद्योगक के कपड़ों से मूल्यों को एकत्र कर एक रिपोर्ट तैयार की. इसके आधार पर छह श्रेणियों में 11.1 फीसदी वेतन बढ़ाने की सिफारिश की गई है.

जनवरी तक आपत्तियां मांगी गईं हैं

मूल्य संग्रह समिति की सिफारिश पर लोगों के सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं. 11 जनवरी 2019 तक यह सुझाव दिए जाएंगे. इसके बाद सरकार की ओर से गठित न्यूनतम सलाहकार वेतन बोर्ड इन सुझावों व आपत्तियों के आधार पर अध्ययन करेगा और अपना प्रस्ताव सरकार के सामने रखेगा इसके बाद सरकार अंतिम निर्णय लेगी.