ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने कथित रूप से फर्जी टीआरपी घोटाले (TRP Scam) के बाद गुरुवार को न्यूज चैनलों की रेटिंग को अस्थायी रूप से सस्‍पेंड करने का ऐलान किया. 

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बार्क के मुताबिक काउंसिल Statisics बनाए रखने के लिए रेटिंग के मौजूदा स्‍टैंडर्ड की समीक्षा करेगी. टीवी रेटिंग्‍स जारी करने वाली यह संस्‍था फिलहाल न्‍यूज चैनलों की वीकली रेटिंग 12 हफ्तों तक जारी नहीं करेगी. टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला फिलहाल अदालत में है. इससे पहले मुंबई पुलिस ने कथित TRP Scam में कम से कम 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. 

मुंबई पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में घोटाले का भंडाफोड़ किया. गिरफ्तार किए गए लोगों में समाचार चैनलों के कर्मचारी भी शामिल हैं. मुंबई पुलिस के मुताबिक कुछ चैनल सिस्‍टम में फर्जीवाड़ा कर रेटिंग बदल रहे हैं. जिन घरों में टीआरपी के मीटर लगे होते थे, उन्‍हें पैसे देकर अपना चैनल ऑन करके छोड़ने को कहा जाता है. इससे BARC की वीकली रेटिंग पर खासा असर पड़ा. हालांकि जिन चैनलों का नाम इसमें आया, उन्‍होंने ऐसा कुछ करने से साफ इनकार किया और पुलिस पर उन्‍हें फंसाने का आरोप लगाया.

मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के मुताबिक देशभर में अलग-अलग जगहों पर 30 हजार बैरोमीटर (People's Meter) लगे हैं. मुंबई में इन मीटरों को लगाने का काम हंसा नाम की संस्था ने किया था.

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पुलिस का दावा है कि हंसा के कुछ पुराने वर्करों ने जिन घरों में पीपल्स मीटर लगे थे, उनमें से कई घरों में जाकर वे लोगों से कहते थे कि आप 24 घंटे अपना TV चालू रखिए और ये वाला चैनल लगाकर रखिए. इसके लिए वे लोगों को पैसे भी देते थे. दावा है कि अनपढ़ लोगों के घरों में भी अंग्रेजी के चैनल को चालू करवाकर रखा जाता था.