सिग्नेचर ब्रिज पर खड़े हो कर दिल्ली को ऊंचाई से देखने का मौका लोगों को जल्द ही मिल सकेगा. सिग्नेचर ब्रिज का काम मई के आखिरी सप्ताह तक पूरा होने की संभावना जताई जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि जून से सिग्नेचर ब्रिज पर चढ़कर दिल्ली का दीदार किया जा सकेंगे. दिल्ली पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि सिग्नेचर ब्रिज पर्यटकों के लिए दिल्ली आने पर विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा. सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई कुतुबमीनार से भी अधिक है। यमुना पर बने सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई 154 मीटर है. जबकि कुतुबमीनार की ऊंचाई लगभग 73 मीटर है.

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यात्रियों के लिए खुल चुका है ब्रिज

यात्रियों के लिए यमुना पर बना सिग्नेचर ब्रिज नवंबर 2018 में खोल दिया गया था. दिल्ली सरकार की ओर से इस पुल को पर्यटन की दृष्टि से इसे विकसित करने के लिए कई सारे काम किए जा रहे हैं. इस पुल का लभग 99.5 फीसद काम पूरा हो चुका है. कुछ पिलर व लिफ्ट के अलावा हल्के-फुल्के काम ही बचे हैं जिन्हें जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. पुल में लगभग 154 मीटर ऊंचे मुख्य पिलर के 22 मीटर के ऊपरी बाक्स में कांच लगाने का काम भी लगभग 65 प्रतिशत तक पूरा किया जा चुका है. इस बाक्स तक लोगों के पहुंचने के लिए चार लिफ्टें लगाई जानी हैं. इन लिफ्टों का काम भी करीब 75 फीसद पूरा हो चुका है.

ब्रिज की सफाई के लिए यूरोप से आईं मशीनें

सिग्नेचर ब्रिज के पिलरों की सफाई के लिए यूरोप से मशीन दिल्ली पहुंच चुकी हैं. जल्द ही इन मशीनों को लगा भी दिया जाएगा. मुख्य पिलर में लगे तारों पर हवा का दबाव और भूकंप को ध्यान में रखते हुए अलर्ट जारी करने के लिए सेंसर सिस्टम लगाए जाने की योजना है. आपात स्थित पर नजर रखने के लिए एक खास कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है. पिलरों को बनाते समय बनाए गए अस्थाई प्लेटफार्म को हटाने के लिए एक मई से काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए कुछ समय तक यातायात बंद भी किया जा सकता है. वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार ये सभी काम 31 मई से पहले पूरे किए जाने की उम्मीद है. जून के पहले सप्ताह तक दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन निगम इस पुल को लोक निर्माण विभाग को सौंप देगा.

सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई से दिल्ली को देखने को खर्च करने होंगे पैसे

सिग्नेचर ब्रिज के ऊपर से दिल्ली के दीदार के लिए आपके पैसे खर्च करने होंगे. पिलर के ऊपरी भाग में जाने के लिए कितने रुपये का टिकट लगेगा अब तक इस संबंध में निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार यह शुल्क 600 रुपये के आसपास हो सकता है.

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14 साल पहले बनी थी सिग्नेचर ब्रिज की योजना

सिग्नेचर ब्रिज को बनाने की योजना 14 साल पहले वर्ष 2004 में बनाई गई थी, इस पुल को बन कर 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों से पहले तैयार होना था. इस परियोजना पर शुरू में 464 करोड़ खर्च होने थे. लेकिन कुछ बदलाव के बाद दिल्ली सरकार ने इस पुल की लागत को 2007 में बढ़ा कर 1100 करोड़ रुपये कर दिया.  लेकिन इस पुल के तैयार होने तक पुल की कुल लागत 1518.37 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. यह ब्रिज लगभग 700 मीटर लंबा है. इसमें दोनों ओर चार लेन हैं.