मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ने  ओएफसीडी (OFCDS) जारी करने में रेगुलेटरी नियमो के उल्लंघन के मामले में सहारा ग्रुप (Sahara Group) की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय और अन्य अधिकारियों से 6.42 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उनके बैंक और डीमैट खाते कुर्क करने का आदेश दिया. कुर्की का आदेश सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है.

क्या है मामला?

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने अपने आदेश में कहा कि ऑप्शन फुली-कंर्वटिवल डिबेंचर्स (ओएफसीडी) जारी करने में सहारा ग्रुप से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. उनसे जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपये की वसूली होनी है. 

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बैंक और डीमैट खातों से निकासी पर रोक

सेबी ने अपने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड यूनिट्स को निर्देश दिया है कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें. हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में जमा करने की छूट होगी. इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इन चूककर्ताओं के खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने को कहा है.

सेबी ने बीते जून में जारी अपने आदेश में सहारा ग्रुप की फर्म और उसके चार प्रमुख अधिकारियों पर कुल 6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. यह जुर्माना सहारा की तरफ से 2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था. सेबी ने कहा कि यह डिबेंचर उसके नियामकीय मानकों का उल्लंघन करते हुए जारी किया गया था.

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