खरीफ फसलों (Kharif Crops) की बुवाई जोर पकड़ने से पहले हरियाली के दुश्मन टिड्डियों का आतंक (locust attack) समाप्त कर किसानों की चिंता दूर करने के लिए राजस्थान (Rajasthan), मध्य प्रदेश समेत देश के अन्य क्षेत्रों में टिड्डी नियंत्रण अभियान जोरों पर चल रहा है. इस अभियान में 12 ड्रोन तैनात किए गए हैं और जल्द ही हेलीकॉप्टर से भी छिड़काव शुरू करने की तैयारी है.

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केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार, टिड्डी दल राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं, जहां इनकी रोकथाम का अभियान चल रहा है.

फिलहाल खरीफ फसलों की बुवाई शुरू ही हुई है, इसलिए फसल को नुकसान का सवाल नहीं है, लेकिन यह हरियाली का दुश्मन है और जो भी हरियाली इनको मिलती है, उसे चट कर जाते हैं.

अगर टिड्डी दलों पर ठीक ढंग से नियंत्रण नहीं होगा तो यह खरीफ सीजन में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन ने चार जून की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईरान और पाकिस्तान के रास्ते भारत में पूरे जून टिड्डयों का आना-जारी रहेगा.

वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय में पदस्थापित उप-निदेशक डॉ. के.एल. गुर्जर के मुताबिक, खेतों में जब हरी-भरी खरीफ फसलें खड़ी होंगी तब टिड्डी दल उनको नुकसान पहुंचाएंगे, इसलिए टिड्डी नियंत्रण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.

डॉ. गुर्जर ने कहा कि देश के भीतरी हिस्से में जहां कहीं भी टिड्डी दल सक्रिय हैं, उनको समाप्त करने के लिए समुचित उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा अभियान राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में चल रहा है, जहां से उन्हें आगे नहीं बढ़ने देने की तैयारी मुक्कमल है.

टिड्डी यानी लोकस्ट शायद दुनिया का सबसे पुराना माइग्रेटरी पेस्ट हैं, जो विशाल झुंड में चलते हैं और दिन में भ्रमण करते हैं, जबकि रात में विश्राम. भारत में टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करते हैं, इसलिए सीमावर्ती क्षेत्र में ही इसका खात्मा करने की भरपूर कोशिश हो रही है.

डॉ. गुर्जर ने बताया कि राजस्थान में इस समय टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए 12 ड्रोन तैनात किए गए हैं और अगले सप्ताह तक छिड़काव के लिए एक हेलीकॉप्टर भी लगया जाएगा.

हाल ही में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में टिड्डीदल सक्रिय पाए गए थे. इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि टिड्डी दल हवा के रुख के अनुसार गमन करता है और यह जब पेड़ों के ऊपर चला जाता है तो उस पर आबादी वाले इलाके में हवाई छिड़काव मुश्किल होता है.

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उन्होंने कहा, "राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में पेड़-पौधे और मानव आबादी नहीं होने से वहां हवाई छिड़काव करके टिड्डियों पर नियंत्रण आसान होता है, लेकिन आबादी वाले इलाके में यह काम मुश्किल होता है."

कृषि मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, टिड्डी नियंत्रण के लिए क्षेत्रवार 11 नियंत्रण कक्ष स्थापित कर विशेष दलों की तैनाती की गई है. केंद्र सरकार ने टिड्डियों के नियंत्रण के लिए इंग्लैंड से 60 माइक्रोनैर स्प्रेयर खरीदा है. डॉ. गुर्जर ने बताया कि इनमें से 15 मशीनें आ चुकी हैं और बाकी अगले महीने तक आएंगी.