पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का सोमवार की शाम निधन हो गया. वे 10 अगस्त से दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (R&R) हॉस्पिटल में भर्ती थे. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. भारत सरकार ने 6 सितंबर तक के लिए पूरे देश में राजकीय शोक (state mourning) का ऐलान किया है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

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पूर्व राष्ट्रपति की मृत्यु की स्थिति में गृह मंत्रालय कई औपचारिकताएं पूरी करता है. इनमें असाधारण व्यक्तिक की मृत्यु का गजट नोटिफिकेशन जारी करना, देश में राजकीय शोक की घोषणा करना, राजकीय शोक के दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय झंडे के आधे झुके रहने के निर्देश जारी करना, मृत्यु के दिन एक दिन के लिए केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों को बंद करने के आदेश जारी करना शामिल है. इनके अलावा रक्षा मंत्रालय पूर्व राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगा. 

राजकीय शोक के दौरान विधानसभा, सचिवालय सहित महत्वपूर्ण कार्यालयों में लगे राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहते हैं. देश में कोई औपचारिक या सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. राजकीय शोक के दौरान समारोहों और आधिकारिक मनोरंजन का आयोजन नहीं किया जाता है. देश में और देश के बाहर स्थित भारतीय दूतावास और हाईकमीशन में भी राष्‍ट्रीय ध्‍वज को आधा झुकाया जाता है.

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम मंत्रियों, राजनेताओं और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने शोक प्रकट किया है.

 

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने उनके साथ अपनी कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं और कई ट्वीट किए. अपने संदेश में पीएम ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में भी काफी अहम योगदान दिए. साथ ही उन्होने बतौर राष्ट्रपति आम लोगों की पहुंच राष्ट्रपति भवन तक आसान कर दी.

प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर, 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में किरनाहर शहर के निकट स्थित मिराती गांव में कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी मुखर्जी के यहां हुआ था.

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वे 2012 से लेकर 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे. अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम फैसले लिए, जिनमें 2008 मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब और 2001 में संसद हमलों के मुख्य आरोपी अफजल गुरू को फांसी दिया जाना शामिल है.

प्रणब दा के परिवार में उनके दो बेटे अभिजीत मुखर्जी, इंद्रजीत मुखर्जी और एक पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी हैं.