केंद्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (PM-KMY) के लिए रजिस्ट्रेशन का काम शुक्रवार से शुरू कर दिया. सरकार ने आम बजट में इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना में शामिल किसानों को 60 साल की उम्र पूरी करने होने पर 3,000 रुपये की महीने की पेंशन मिलेगी. किसान की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को 1,500 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने योजना की शुरुआत करते कहा, ‘‘आज, पीएम-केएमवाई रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया देश भर में शुरू हो गई है. शुक्रवार दोपहर तक 418 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और मैं अधिक से अधिक किसानों से इस योजना में शामिल होने का अनुरोध करता हूं.’’ उन्होंने कहा कि यह योजना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सहित पूरे देश में लागू की जाएगी.

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नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मिलने के बाद इस योजना की औपचारिक शुरुआत की जायेगी. उन्होंने कहा, ‘‘कड़ी मेहनत करने के बावजूद किसान को पर्याप्त कमाई नहीं होती. इसलिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. हमने बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं और पीएम-केएमवाई इस दिशा में एक और कोशिश है.’’ उन्होंने आगे कहा कि सरकार 5 वर्षों में किसानों की आमदनी दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ लगातार संपर्क में है और सभी प्रमुख योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के प्रयास कर रही है.

तोमर ने बताया कि जिस किसान के पास 2 हेक्टेयर तक खेती वाली जमीन होगी, वे इस योजना के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि 18 से 40 वर्ष की उम्र वाले किसानों के लिए यह एक स्वैच्छिक और योगदान आधारित पेंशन योजना है. इस योजना को छोटे किसानों के लिए बनाया गया है और इसलिए इसमें जमीन की सीमा है. पीएम-केएमवाई का रजिस्ट्रेशन ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ (सीएससी) के जरिए किया जा रहा है. इसके लिए किसानों को कोई फीस नहीं देनी होगी. सीएससी प्रत्येक नामांकन के लिए 30 रुपये का शुल्क लेगा, जिसका बोझ सरकार वहन करेगी.

इस योजना के तहत पेंशन स्कीम में जितना योगदान किसान देंगे, उतना ही योगदान सरकार की तरफ से किया जाएगा. किसानों को योजना में शामिल होते समय उनकी उम्र के आधार पर 55 से 200 रुपये हर महीने देने होंगे. 18 साल की उम्र वाले किसान को 55 रुपये और 40 साल उम्र वाले किसान को योजना में शामिल होने के लिए हर महीने 200 रुपये देने होंगे. योजना के तहत पति और पत्नी चाहें तो अलग अलग अपने खाते खुलवा सकते हैं. सरकार की तरफ से इस स्कीम को चलाने का काम एलआईसी करेगी.