नए नियम: विदेश जाने के लिए पासपोर्ट से लिंक कराना होगा CoWIN सर्टिफिकेट, वैक्सीन लेने में हुआ ये बदलाव
Passport linking to CoWin platform: केंद्र सरकार ने पढ़ाई-नौकरी के लिए विदेश जा रहे नागरिकों के लिए कोविड वैक्सीन लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. विदेश यात्रा के लिए 28 दिन के बाद कोविशील्ड की दूसरी डोज कभी भी लगवाई जा सकती है.
Passport linking to CoWin platform: केंद्र सरकार ने पढ़ाई-नौकरी के लिए विदेश जा रहे नागरिकों के लिए कोविड वैक्सीन लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. अब पढ़ाई और नौकरी के लिए विदेश यात्रा करने वालों को अब अपना को-विन सर्टिफिकेट (Cowin certificate) अपने पासपोर्ट से लिंक कराना होगा. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल में शामिल खिलाड़ियों के लिए भी यह जरूरी होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय से मांग की गई थी कि जिन लोगों का ट्रैवल शेड्यूल कोविशील्ड के दूसरे टीके लिए जरूरी 84 दिनों के गैप से पहले पड़ता है, उन्हें जल्दी बाहर जाने की अनुमति दी जाए. इसके बाद जारी गाइडलाइंस के मुताबिक विदेश यात्रा के लिए 28 दिन के बाद कोविशील्ड की दूसरी डोज कभी भी लगवाई जा सकती है. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पासपोर्ट नंबर लिखा होगा. को-विन प्लेटफॉर्म पर विदेश यात्रा करने वालों को यह खास सुविधा जल्द मिलेगी.
28 दिन के अंतर पर लग जाएगी कोविशील्ड
भारत में मौजूदा समय में तीन वैक्सीन दी जा रही हैं- कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी. सरकार ने हाल ही में कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12-16 हफ्ते (84 दिन) कर दिया है. मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, विदेश यात्रा करने वाले लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आईडी प्रूफ के तौर पर पासपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे. अगर पहली डोज के लिए पासपोर्ट का इस्तेमाल नहीं किया गया है तो सर्टिफिकेट पर कोई भी वैलिड आईडी कार्ड की डिटेल देनी होगी. यही सर्टिफिकेट पासपोर्ट के साथ लिंक होगा.
विदेश यात्रा के मामले में सिर्फ कोविशील्ड वालों के लिए ही पासपोर्ट नंबर का सर्टिफिकेट के साथ जिक्र होगा. ये सुविधा 18 साल से ऊपर के उन लोगों के लिए है, जो 31 अगस्त तक विदेश यात्रा करना चाहते हैं. फिलहाल कोविशील्ड डोज के बीच कम से कम 84 दिनों का गैप होता है. लेकिन विदेश जाने वाले छात्रों, नौकरीपेशा और एथलीटों को इससे छूट दी जाएगी. अब सिर्फ 28 दिन का गैप रखना होगा.
स्टूडेंट्स को होगा फायदा
केंद्र सरकार के इस फैसले से विदेशी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन कराने वाले भारतीय स्टूडेंट्स या नौकरी तलाशने वालों को फायदा होगा. कई विदेशी विश्वविद्यालयों ने एडमिशन के लिए वैक्सीनेशन को अनिवार्य बना दिया है. ओलिंपिक जाने वाले सभी खिलाड़ियों और उनके ट्रेनिंग स्टफ के लिए भी यह जरूरी हो गया है. विदेश में नौकरी करने वालों के लिए टीकाकरण जरूरी हो गया है. हालांकि यह सुविधा सिर्फ कोविशील्ड लगा चुके लोगों के लिए है.