ऑनलाइन फ्रॉड के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं. जरा सी चूक आपका बैंक खाता खाली कर सकती है. हैकर्स अब बैंक अकाउंट से पैसों की चोरी का ये नया तरीका अपना रहे हैं, जिसमें आपको पता भी नहीं लगता और आपका खाता खाली हो जाता है. ऐसा ही एक मामला नासिक के सातपुर से सामने आया है. यहां के रवि भंदुरे नाम के एक किसान के बैंक खाते से 91 हजार रुपए निकाले गए. 

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'गूगल पे' ऐप के इस्तमाल में हुई गलती रवि भंदुरे को महंगी पड़ी. 'गूगल पे' पर दो बार रिजार्च नहीं हो पाया तो उसने गूगल पर एक नंबर खोज लिया और वहां कॉल किया. सामने से कॉल किए शख्स ने उसे बताया कि एनीडेस्क नाम का एप्लीकेशन डाउनलोड करो. रवि भंदूरे ने एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड किया और उस शख्स के कहने पर सारी जानकारी उस एनीडेस्क एप्लीकेशन में भर दीं. कुछ समय में उसके बैंक खाते से राशि कम होने लगी.

एनीडेस्क ऐप से हुआ फ्रॉड

बैंक अकाउंट से पैसे निकते देख उसे लुट जाने का एहसास हुआ. उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया, लेकिन तब तक 91 हजार रुपए उसके बैंक खाते से गायब हुए चुके थे. रवि भंदूरे ने अपने बाग के अंगूर बेचकर बैंक खाते में डेढ़ लाख रुपए जमा किए थे. उनमें से 91 हजार रुपए उसको गवाने पड़े. 

रवि भंदूरे ने ऑनलाइन फ्रॉड की नासिक पुलिस को सूचना दी. पुलिस जांच में पाया गया कि गूगल पर गलत जनाकारी के कारण किसान के साथ धोखा हुआ है और वह सायबर क्राईम का शिकार हुआ है. 

किसान रवि भंदुरे ने पुलिस को बताया कि रिचार्ज करने के लिए वह गूगल पे एप्लिकेशन पर गया. लेकिन वहां रिचार्ज नहीं कर पाया. तो उसने गूगल सर्च कर गूगल पे का कस्टमर केयर फोन नंबर लिया. उस नंबर पर कॉल कर बातचीत की. कस्टमर केयर की तरफ से उसे एनीडेस्क नाम का ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा. और एनीडेस्क डाउनलोड करते ही उसके खाते से 91 हजार रुपये गायब हो गए.

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सायबर पुलिस अधिकारी दीपक देसले का कहना है कि गूगल पर मिलने वाली सारी जानकारी सच होगी ऐसी नहीं है. किसान रवी भंदुरे के बारे में यही हुआ. इसने गूगल पे का नंबर एक निजी वेबसाइस से लिया और उस वेबसाइट पर दिए नंबर पर कॉल किया. उन्होंने बताया कि लोगों को ऑनलाईन ट्रान्जेक्शन के लिए सावधानी बरती चाहिए.

(नासिक से किरण ताजणे की रिपोर्ट)