Bike-Taxi Case in Delhi: दिल्ली के परिवहन मंत्रालय ने एक नोटिस जारी किया था और नोटिस जारी कर आदेश दिया था कि दिल्ली में ओला-उबर और रैपिडो जैसी कैब (Bike Taxi ban case in Delhi) एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगाने की मांग की थी. नोटिस जारी कर दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली में प्राइवेट बाइक टैक्सी के कमर्शियल इस्तेमाल को लेकर बैन लगा दिया था. इसके तहत बाइक चलाने वाले ड्राइवर का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. लेकिन इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट की भी एंट्री हो गई है. आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई होनी थी लेकिन वो टल गई है. अब ये सुनवाई सोमवार यानी कि 12 जून को होगी. 

जानिए क्या है पूरा मामला

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दरअसल, दिल्ली सरकार के नोटिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने बाइक सर्विस पर पाबंदी को लेकर जारी दिल्ली सरकार के नोटिस पर रोक लगा दी थी और बाइक सर्विस पर बैन लगाने को मना कर दिया था. लेकिन दिल्ली ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. 

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दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार की इस बारे में पॉलिीस आने तक कैब एग्रीगेटर कंपनियों को बाइक सर्विस की इजाजत दे दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि एक महीने में कैब एग्रीगेटर कंपनियों को लेकर पॉलिसी लाएगी. 

सोमवार को होगी सुनवाई

दिल्ली में ओला-उबर और रैपिडो (OLA-Uber/Rapido) जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगाने की मांग उठी थी. इस पूरे मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन ये सुनवाई आज टल गई. अब सोमवार यानी कि 12 जून को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की याचिका को लेकर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी सोलिसिटर जनरल  तुषार मेहता को देने को कहा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. 

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