Noida Authority Drafts Rule: गुड़गाव में हाल ही में चिंटल पैराडिसो सोसायटी (Chintels Paradiso Society) में कई फ्लोर की छत ढह गई थी. ऐसे में रेजिडेंट्स की बहुमंजिला इमारतों (high rise buildings) में रहने वाले हजारों लोगों की चिंता बढ़ गई. कई ग्रुप हाउसिंग के हादसे के बाद अथॉरिटी से स्ट्रक्चरल ऑडिट (Structural Audit) की मांग उठ रही है. ऐसे में हाई राइज इमारतों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट का ड्राफ़्ट तैयार किया गया है. इसमें ग्रुप हाउसिंग विभाग की तरफ से नियम और शर्तें भी पेश की गई है.

कुछ ही प्रोजेक्ट्स होंगे शामिल

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नए नियमों के अनुसार, स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की जिम्मेदारी बिल्डरों की होगी, जिन्हें निश्चित समय सीमा के अंदर ऑडिट करानी होगी. हालांकि इसमें भी कुछ ही प्रोजेक्ट्स शामिल होंगे, जो अथॉरिटी की तरफ से तय किए गए जाएंगे.  

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बता दें ऑडिट कराने की मंजूरी मिलने के बाद ऐसे प्रावधान वाली नोएडा (Noida) पहली अथॉरिटी होगी. नए नियमों के अनुसार, स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की जिम्मेदारी बिल्डरों को दी गई है. इसके लिए उन्हें कुछ समय का वक्त दिया जाएगा, जिसके अंदर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) की तरफ से तय किए गए प्रोजेक्ट्स पर उन्हें काम करके देना होगा. बिल्डरों को निजी और सरकारी एजेंसी से स्ट्रक्चरल ऑडिट करानी होगी.

बिल्डरों को देना होगा खर्चा

दरअसल कब्जा देने और AoA को सोसायटी हैंडओवर करने के 7 साल के अंदर अगर स्ट्रक्चरल ऑडिट की जरूरत पड़ती है तो इसका खर्चा बिल्डर वहन को देना होगा. सोसायटी हैंडओवर होने के 6 साल के अंदर स्ट्रक्चरल खामी आने पर ऑडिट, खामी दूर कराने की जिम्मेदारी भी बिल्डर की होगी.

अथॉरिटी इस पर बोर्ड बैठक में मंजूरी ले सकती है. बता दें 7 साल बाद ऐसे सभी खर्च AoA को उठाने पड़ेंगे, जिसके लिए एक कॉर्पस फंड बनाया जाएगा. हैंडओवर के 10 साल तक होगी बिल्डर की जिम्मेदारी. बिल्डर से वसूली की रूपरेखा भी होगी तैयार.