लोकसभा चुनाव 2019 : केंद्रीय वित्त मंत्रालय (FM) ने चुनाव आयोग (EC) से कहा है कि उसके राजस्व विभाग की कार्रवाई हमेशा राजनीतिक संबंधों पर गौर किये बिना "तटस्थ", "निष्पक्ष" और "भेदभाव रहित" होती है. आयकर विभाग के विपक्षी दलों के करीबी माने जाने वाले लोगों पर लगातार छापे के बीच मंत्रालय ने यह बात कही है. चुनाव आयोग के एक पत्र का जवाब देते हुए राजस्व विभाग ने 8 अप्रैल को लिखी अपनी चिट्ठी में आयोग से आयकर विभाग के साथ चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन के उपयोग के बारे में सूचना साझा करने को भी कहा है. 

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कार्रवाई पर चुनाव आयोग को बताएं

आयोग ने राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे को 7 अप्रैल को लिखे पत्र में विभाग को सुझाव दिया था कि उसकी प्रवर्तन एजेंसियों की चुनाव के दौरान कोई भी कार्रवाई निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण होनी चाहिए. साथ ही ऐसी किसी भी कार्रवाई के बारे में चुनाव आयोग के अधिकारियों को सूचित करने को कहा. चुनाव आयोग का यह सुझाव आयकर विभाग के मध्य प्रदेश में रविवार और पिछले कुछ दिनों में कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में विपक्षी राजनेताओं तथा उनसे जुड़े लोगों के यहां छापे मारने के बाद आया है. 

आयकर विभाग ने राजनेताओं के यहां छापे मारे

आम चुनावों के कारण 10 मार्च से आचार संहिता लागू होने के बाद आयकर विभाग ने राजनेताओं और उनसे जुड़े लोगों पर कई छापे मारे हैं. विपक्षी दलों ने इसे चुनाव के दौरान केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करार दिया है. सूत्रों के अनुसार अपने जवाब में पांडे ने लिखा है, ‘‘हम ‘तटस्थ, पक्षपातहीन और गैर-भेदभावपूर्ण’ शब्दों का अर्थ समझते हैं. इसका मतलब है कि हमें जब कभी किसी के खिलाफ सूचना मिले, हम उसके खिलाफ कार्रवाई करें, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से क्यों न संबंधित हो. विभाग इसी विचार पर काम करता रहा है और आगे भी करता रहेगा.’’

अवैध धन पर कार्रवाई करें

विभाग ने पत्र में चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया है कि वह अपने क्षेत्रीय अधिकारियों से कहे कि जब भी उन्हें चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन के उपयोग के बारे में सूचना मिले, वे तत्काल कार्रवाई करें. पांडे ने पत्र में कहा है, ‘‘चुनाव आयोग के साथ राजस्व एजेंसियों की काला धन के चुनाव में उपयोग को रोकने की जवाबदेही है. ऐसे में हम चुनाव आयोग से यह आग्रह करेंगे कि वह आचार संहिता लागू करने में लगे अपने क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों को यह सलाह दे कि जब भी उन्हें चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन के उपयोग के बारे में कोई सूचना मिले, वे चुनाव और उपयुक्त कानून के तहत अपने स्तर से तत्काल कार्रवाई करें.’’

23 मई को होगी मतगणना

उन्होंने लिखा है, ‘‘अगर जरूरी लगे तो वे इसकी सूचना गोपनीय रूप से आयकर विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए दे सकते हैं.’’ आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और राजस्व खुफिया निदेशालय वित्तीय अपराधों से निपटने को लेकर राजस्व विभाग की कार्यकारी इकाइयां हैं. वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली एजेंसियों ने हाल के दिनों में 55 छापे मारे हैं. विपक्षी दलों के सरकार पर चुनावों के दौरान प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाए जाने के आरोप के बीच चुनाव आयोग ने रविवार को पत्र लिखा था. 7 चरणों में हो रहा लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होगा और वोटों की गिनती का काम 23 मई को होगी.