Lok sabha election 2019: सोशल मीडिया बना चुनाव प्रचार का प्रमुख माध्यम, पांच गुना तक खर्च बढ़ा
लोकसभा चुनाव 2019 में राजनीतिक दलों का सोशल मीडिया पर प्रचार खर्च पिछले चुनावों की तुलना में पांच गुना तक बढ़ गया है. चुनाव रणनीति पर कमा कर रही एक कंपनी के अंदरूनी सर्वे के अनुसार यह पांच फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी तक हो गया है.
लोकसभा चुनाव 2019 में राजनीतिक दलों का सोशल मीडिया पर प्रचार खर्च पिछले चुनावों की तुलना में पांच गुना तक बढ़ गया है. चुनाव रणनीति पर कमा कर रही एक कंपनी के अंदरूनी सर्वे के अनुसार यह पांच फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी तक हो गया है. यह जानाकरी हिन्दी के अखबार हिन्दुस्तान की एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है.
हजारों करोड़ में हो रहा खर्च
सर्वे के अनुसार अलग - अलग दलों के लिए सोशल मीडिया पर चुनाव का खर्च 600 करोड़ रुपये से लेकर करीब पांच हजार करोड़ रुपये तक हो सकता है. परंपरागत मीडिया एजेंसियों से लेकन नए एडटेक स्टार्टअप की चुनाव के समय धूम है. हर राजनीतिक दल ने डिजिटल सलाहकारों पर दांव लगाया है.
प्रबंधन के लिए लगाई बड़ी टीम
सोशल मीडिया टीम, ऑनलाइल विज्ञापन कंपनियां, व्हाट्ऐप मैनेजमेंट, ट्विटर मैनेजमेंट,कंटेंट मैनेजमेंट आदि के लिए काफी बड़ी टीमें रखी जा रही हैं. इस मद में अच्छा पैसा खर्च करने का चलन चुनावों में हो चुका है. जो उम्मीदवार तकनीकी रूप से बहुत दक्ष नहीं हैं उन्हें सोशल मीडिया के प्रभाव की वजह से मजबूरी में बड़ी टीम रखनी पड़ रही है. हर राज्य में विधायक से लेकर मंत्री तक चुनावों में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवार सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं.
2014 से चुनावों में बढ़ा सोशल मीडिया का चलन
आईआईटी मुम्बई से पढ़ाई करने के बाद 14 साल से राजनीतिक दलों की रणनीति पर काम कर रहे पॉलिटिकल ऐज के संस्थापक गौरव राठौर का कहना है कि फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब, गूगल एड्स अब चुनाव प्रचार के प्रमुख माध्यम बन गए हैं. प्रत्याशी इन माध्यमों पर मोटा पैसा खर्च कर रहे हैं.