देश की जानामानी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लार्सन एंड टर्बो ने यह दावा किया है कि गुजरात में नर्मदा नदी के करीब बनी सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा दुनिया में सबसे बड़ी प्रतिमा होने के साथ ही इसे सबसे कम समय में बनाया गया है. कंपनी के अनुसार इस 182 मीटर की प्रतिमा को मात्र 33 महीनों में पूरा कर लिया गया. जबकि चीन में स्प्रिंग टैंपल में बनी बुद्ध की 128 मीटर की प्रतिमा को बनाने में 11 साल लगाए थे . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा कि यह प्रतिमा 31 अक्टूबर को राष्ट्र को समर्पित कर दी जाएगी. 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन के अवसर पर उनकी प्रतिमा के अनावरण का किया जाएगा. दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा को स्टैचू ऑफ यूनिटी नाम दिया गया है और इस पर अभी तक कुल 2300 करोड़ रुपये की लागत आ चुकी है. हालांकि लागत बढ़कर 3000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दुनिया के सामने एक मिसाल बनी प्रतिमा

दुनिया के इस नवीनतम आश्चर्य को बनाया है इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने. कंपनी के एक ब्रोशर के मुताबिक स्टैचू को स्टील फ्रेमिंग, प्रबलित सीमेंट कंक्रीट और कांस्य क्लैडिंग से बनाया गया है. इस मूर्ति को बनाने के लिए 75000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट, 5700 मीट्रिक टन स्टील स्ट्रक्चर, 18500 टन प्रबलित स्टील रॉड और 22500 टन कांसे की चादर का इस्तेमाल किया गया है.

3400 श्रमिकों की मेहनत से बनी ये प्रतिमा

इस प्रतिमा के निर्माण में 3400 मजदूर और 250 इंजीनियरों ने 42 महीने तक रात-दिन काम किया है. इस स्टैचू को पीपीपी मॉडल के आधार पर बनाया गया है और ज्यादातर धन गुजरात सरकार द्वारा जुटाया गया है. गुजरात सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 2012-13 में 100 करोड़ रुपये और 2014-15 में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए. 2014-15 के बजट में केंद्र सरकार ने 200 करोड़ रुपये की मदद दी.

 

एक द्वीप पर बनी है ये प्रतिमा

स्टैचू ऑफ यूनिटी नर्मदा बांध से करीब 3.5 किलोमीटर दूर साधु बेट नाम के एक नदी द्वीप में है. इस द्वीप को नदी तट से जोड़ने के लिए 250 मीटर लंबा एक पुल भी बनाया गया है. इस स्टैचू को राम वी. सुतार ने डिजाइन किया है. इस स्टैचू का गलियारा नदी की सतह से करीब 500 फिट ऊपर है और यहां एक साथ करीब 200 लोग आराम से आ सकते हैं. यहां से सतपुड़ा और विंध्याचल की पहाड़ियों और 212 किलोमीटर लंबे सरदार सरोवर जलाशय को देखा जा सकता है.