ट्रेन में किसी महिला से छेड़छाड़ करने वाले को अब तीन साल तक की सजा हो सकेगी. इस संबंध में रेलवे की ओर से रेलवे एक्ट में बदलाव किए जा रहे हैं. फिलहाल इस तरह की घटना में रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती थी. महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने एक्ट में इस तरह का बदलाव करने का निर्णय लिया है.

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आरपीएफ ने मांगे और अधिकार

रेलगाड़ियों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को ध्यान में रखते हुए रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे एक्ट में सुधार का प्रस्ताव दिया है. रेलवे एक्ट में इस तरह के सुधार के बाद आरपीएफ को ट्रेन में महिला से छेड़छाड़ करने वाले अपराधी पर कार्रवाई करने के लिए जीआरपी की मदद की जरूरत नहीं होगी. अब तक आरपीएफ को अधिकार नहीं है कि वो किसी भी तरह के आपराधिक मामले में कोई कार्रवाई कर सके. ऐसे में रेलगाड़ियों में महिला के साथ होने वाले किसी भी अपराध की स्थिति में आरपीएफ को मामले की सूचना जीआरपी को दे कर उनकी मदद लेनी होती है.

रेलगाड़ियों में लगातार बढ़ रहे हैं महिला अपराध

आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार महिला अपराधों में हम तेजी से कार्रवाई कर सकें इसके लिए हमने रेलवे एक्ट में बदलाव की मांग की है. वर्तमान समय में हमें हर बार जीआरपी की मदद लेनी होती है. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2014 से 2016 के बीच रेलवे में महिला अपराधों में 35 फीसदी की वृद्धि हुई है. इस दौरान लगभग 1607 मामले महिला अपराध से जुड़े हुए दर्ज किए गए. वर्ष 2014 में जहां 448 मामले दर्ज हुए वहीं वर्ष 2015 में 553 मामले दर्ज हुए. वर्ष 2016 में 606 मामले दर्ज हुए.

महिला कोच में चढ़ने पर लगेगा दो गुना जुर्माना

आरपीएफ ने महिला डिब्बों में यात्रियों पर लगने वाले जुर्माने को बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया है. फिलहाल यदि कोई पुरुष किसी महिला डिब्बे में यात्रा करता पकड़ा जाता है तो उस पर 500 रुपये का जुर्माना लगता है. इसको बढ़ा कर 1000 रुपये करने की मांग की गई है. वर्तमान समय में रेलवे एक्ट की धारा 162 के तहत महिला डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुषों पर कार्रवाई होती है.