Mann Ki baat: IIM रोहतक ने एक सर्वे में पाया कि मन की बात को 100 करोड़ लोगों ने सुना है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि 23 करोड़ लोग नियमित मन की बात सुनते हैं. इसके साथ-साथ 96% लोगों को पीएम मोदी के फेमस कार्यक्रम मन की बात के बारे में जानकारी है. रीजनल भाषाओं में भी किया गया सर्वे IIM(Indian Institute of Management, Rohtak) के डायरेक्टर धीरज शर्मा और प्रसार भारती के CEO गौरव द्विवेदी ने बताया कि यह स्टडी प्रसार भारती के कहने पर की गई है.  इसके लिए सही डाटा की जानकारी के लिए सर्वे हिंदी के साथ-साथ रीजनल भाषाओं में भी किया गया था. इस बार मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित होगा. 10,003 लोगों पर किया गया सर्वे इस सर्वे में लगभग 10,003 लोग शामिल हुए थे.जिसमें 60% पुरुष और 40% महिलाएं थीं. ये लोग 68 अलग-अलग काम करते हैं. इसमें 64% अनौपचारिक और सेल्फ एम्प्लॉयड थे, 23% स्टूडेंट्स थे. इस सर्वे में भारत के ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ और साउथ रीजन्स से लिया गया. सभी रीजन्स से करीब 2500-2500 लोगों से बात की गई. मन की बात से लोगों में हो रहा सुधार इस स्टडी का मुख्य मकसद यह जानना था कि अब तक 99वें मन की बात एपिसोड से लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा है. स्टडी में पाया गया कि मन की बात सुनने के बाद 73% लोग खुद को आशावाद महसूस करते हैं और उन्हें लगता है कि देश देश प्रगति की और जा रहा है. मन की बात सुनने वाले 58% श्रोताओं ने कहा कि उनके बात करने और जिंदगी जीने की स्थिति में सुधार हुआ है, जबकि 59% लोगों को सरकार पर विश्वास बढ़ा है. सरकार के प्रति आम भावना का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सर्वेक्षण के अनुसार 63% लोगों ने कहा है कि सरकार के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक हो गया है और 60% ने राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने में रुचि दिखाई है. हिंदी में मन की बात लोगों की पहली पसंद इस स्टडी में 15 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल किया गया है. इस कार्यक्रम को 65 प्रतिशत लोग हिंदी में सुनते हैं और 18 प्रतिशत लोग इंग्लिश में यह कार्यक्रम देखते हैं. इसमें 17.6% लोग ऐसे हैं जो मन की बात को रेडियो पर सुनते हैं, वहीं  44.7% लोग TV और 37.6% लोग मोबाइल पर देखते/सुनते हैं. 2014 से मोदी कर रहे मन की बात मन की बात आकाशवाणी पर प्रसारित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है जिसके जरिये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के नागरिकों को संबोधित करते हैं. इस कार्यक्रम का पहला प्रसारण 3 अक्टूबर 2014 को किया गया. हर महीने के अंतिम रविवार को सुबह 11 बजे पूरे आकाशवाणी और डीडी नेटवर्क पर प्रसारित किया जाता है. 30-मिनट का कार्यक्रम 30 अप्रैल 2023 को 100 एपिसोड पूरे कर रहा है. मन की बात का अंग्रेजी के अलावा आकाशवाणी द्वारा 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया गया है. इसमें हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती, मलयालम, उड़िया, कोंकणी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी, मणिपुरी, मैथिली, बंगाली, असमिया, बोडो, संथाली, उर्दू, सिंधी शामिल हैं।. बोलियों में छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, पहाड़ी, शीना, गोजरी, बलती, लद्दाखी, कार्बी, खासी, जयंतिया, गारो, नगामेसे, हमार, पैते, थडौ, कबुई, माओ, तांगखुल, न्याशी, आदि, मोनपा, एओ शामिल हैं. , अंगामी, कोकबोरोक, मिज़ो, लेप्चा, सिक्किमी. विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित होता है प्रोग्राम 22 भारतीय भाषाओं और 29 रीजनल भाषाओं के अलावा मन की बात 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है. मन की बात का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों द्वारा किया जा रहा है.