उत्तराखंड सरकार जल्द ही दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लगाएगी. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह राशि 20 रुपये से लेकर 80 रुपये तक होगी तथा यह कॉमर्शियल और प्राइवेट व्हीकल्स दोनों पर समान रूप से लागू होगी. अधिकारी ने बताया कि दोपहिया, इलेक्ट्रिक और सीएनजी गाड़ियां, उत्तराखंड में पंजीकृत वाहन और एंबुलेंस तथा फायर ब्रिगेड जैसी आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छूट दी जाएगी. 

शुरू हो गई है टेंडर प्रक्रिया, दिसंबर अंत तक चालू हो सकता है सिस्टम

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उत्तराखंड के ज्वॉइंट कमिशनर(ट्रांसपोर्ट) सनत कुमार सिंह ने पीटीआई भाषा को बताया कि सेस लगाने की व्यवस्था को लागू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य दिसंबर के अंत तक इस प्रणाली को चालू करना है.’ अधिकारी ने कहा कि स्वचालित नंबर प्लेट पहचान कैमरे उत्तराखंड के बाहर पंजीकृत वाहनों की पहचान करेंगे और वाहन मालिकों के फास्टैग वॉलेट से सीधे राशि काट ली जाएगी. 

तिपहिया वाहनों पर 20 रुपए, चार पहिया वाहनों पर 40 रुपए ग्रीन सेस

ज्वॉइंट कमिशनर ने कहा कि तिपहिया वाहनों पर 20 रुपये, चार पहिया वाहनों पर 40 रुपये, मध्यम वाहनों पर 60 रुपये और भारी वाहनों पर 80 रुपये का शुल्क लगेगा. अधिकारी ने बताया कि उपकर एक दिन के प्रवेश के आधार पर लगाया जाएगा, लेकिन वाहन मालिकों के पास विस्तारित वैधता पास के लिए उच्च दर का भुगतान करने का विकल्प भी होगा, जैसे कि तीन महीने पास के लिए दैनिक दर का 20 गुना और वार्षिक पास के लिए दैनिक दर का 60 गुना भुगतान करना होगा. 

क्या होता है ग्रीन सेस

आपको बता दें कि ग्रीन सेस एक प्रकार का टैक्स या शुल्क है जो पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए लगाया जाता है. यह उन गतिविधियों पर लगाया जाता है जिनसे प्रदूषण फैलता है, जैसे पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियां, कारखाने और उद्योग आदि. ग्रीन सेस से मिले पैसों का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाता है.