केंद्र सरकार के उपक्रम एनएमडीसी के साथ वाणिज्यिक करार नहीं होने की स्थिति में कर्नाटक सरकार, डोनीमाली लौह अयस्क खान की जल्द ही नीलामी कर सकती है. यह जानकारी यहां एक सूत्र ने दी. इस मामले में एक करीबी सूत्र ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की एनएमडीसी (राष्ट्रीय खनिज विकास निगम) यदि इस खान के माल पर 80 प्रतिशत प्रीमियम देने के समझौते पर तीन सप्ताह के अंदर सहमत नहीं होता है तो कर्नाटक सरकार खान की खुली नीलामी कर सकती है.

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भारी प्रीमियम लगाना कानून सम्मत नहीं

इसके विपरीत एनएमडीसी के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी. आर. त्रिपाठी का कहना है कि सरकारी क्षेत्र की इस कंपनी पर इतना ‘भारी’ प्रीमियम लगाना कानून सम्मत नहीं है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के लौह अयस्क बिक्री पर 80 प्रतिशत प्रीमियम लगाने के फैसले के बाद एनएमडीसी ने डोनीमाली खान से लौह अयस्क का खनन को रोक दिया है. इस खान का पट्टा अभी 4 नवंबर से ही 20 साल के लिए बढ़ाया गया है.

नई निविदाएं मंगाने की तैयारी के निर्देश

सूत्रों ने कहा, ‘‘एनएमडीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (एन. बैजेंद्र कुमार) के अनुरोध पर यह मामला कर्नाटक के महाधिवक्ता फिर से ले जाया गया है. लेकिन अधिकारियों को एनडीएमसी के अगले तीन हफ्तों में पट्टे के कागजातों पर हस्ताक्षर न करने की स्थिति में एनएमडीसी को आवंटित की गई खानों के लिए नई निविदाएं मंगाने की तैयारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं, क्योंकि महाधिवक्ता के इससे इतर राय देने की संभावना नहीं है.’’ 

प्रीमियम लगाने के निर्णय को जायज 

संपर्क पर कर्नाटक के खनन सचिव राजेंद्र कुमार ने प्रीमियम लगाने के निर्णय को जायज बताया और कहा कि राज्य के विधि विभाग ने इस पर अपनी राय दे दी है. राज्य मंत्रिमंडल ने भी प्रीमियम लगाने के फैसले को मंजूरी प्रदान की है. त्रिपाठी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह लालची हो गई है. प्रीमियम केवल नई खान आवंटन के दौरान लगाया जा सकता है, न कि पुरानी खानों के पट्टे का नवीनीकरण कराने की स्थिति में.

(इनपुट एजेंसी से)