चुनावी साल में तमिलनाडु विधानसभा में पेश वित्त वर्ष 2019-20 के कर मुक्त बजट में गरीबों के लिए दुर्घटना बीमा, फसल बीमा का विस्तार, फूड प्रोसेसिंग पार्क, गाजा चक्रवात के प्रभावितों के लिए आवास जैसी योजनाओं की घोषणा की गई. बजट पेश करते हुए उप मुख्यमंत्री पन्नीरसेलवम (जिनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी है) ने कहा कि राजस्व घाटा 14,314.76 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 44,176.36 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. पन्‍नीरसेलवम ने कहा कि गाजा चक्रवात से प्रभावित इलाकों में सरकार 1 लाख पक्के घर बनवाएगी, जिसके लिए 1,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 

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अपने ढाई घंटों के भाषण में पन्नीरसेलवम ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने में तमिलनाडु सबसे अच्छा प्रदर्शन करनेवाले राज्यों में एक है और जीएसटी राजस्व इकट्ठा करने में अच्छी वृद्धि दर हासिल की है.

उन्होंने कहा, "हालांकि अभी तक राज्य को आईजीएसटी (एकीकृत GST) की अपनी 5,454 करोड़ रुपये उचित हिस्सेदारी और वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 455.16 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है, जिसका आश्वासन दिया गया था."

उन्होंने कहा, "केंद्र द्वारा मुआवजे को जारी करने में देरी करने से राज्य का वित्त गड़बड़ा रहा है." पन्नीरसेलवम ने बजट प्रस्ताव में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत और अधिक फसलों को अधिसूचित किया गया है और इस योजना का विस्तार किया गया है. 

स्थानीय आपदाओं में ओलावृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ और अन्य के अलावा बादल फटने और प्राकृतिक आग को भी शामिल किया गया है. बजट में इसके लिए 621.59 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

उन्होने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सूक्ष्म सिंचाई योजना में दो लाख हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन शामिल करने का फैसला किया है, जिसके लिए 1,361 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

सरकार ने दुघर्टना-सह-जीवन बीमा योजना लांच की है, जिसके दायरे में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के सभी परिवार आएंगे और प्राकृतिक मौत पर 2,00,000 रुपये का और दुर्घटना से मौत पर 4,00,000 रुपये और स्थायी विकलांगता पर 1,00,000 रुपये की बीमा राशि मिलेगी.

उन्होंने कहा, "इस योजना के प्रीमियम के भुगतान के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं." उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये के फसल ऋण जारी किए जाएंगे और फसल ऋण पर ब्याज छूट के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.