गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, कफ सीरप बनाने वाली इस कंपनी के प्रोडक्शन पर लगाई रोक
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जिन 3 दवाईयों को लेकर अलर्ट किया था उनका सैंपल सेंट्रल ड्रग लैब कोलकाता भेज दिया गया है.
हरियाणा सरकार ने सोनीपत बेस्ड मेडेन फार्मा (Maiden Pharma) पर बड़ा एक्शन लिया है. यह वही कंपनी है जो अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद से चर्चा में आ गई है. राज्य सरकार ने कंपनी के प्रोडक्शन पर रोक लगा दी है. क्योंकि जांच के दौरान कंपनी के मैन्युफैक्चिंग प्लांट में कई गड़बड़ियां पाई गई हैं.
मेडेन फार्मा पर सख्त एक्शन
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जिन 3 दवाईयों को लेकर अलर्ट किया था उनका सैंपल सेंट्रल ड्रग लैब कोलकाता भेज दिया गया है. फिलहाल रिपोर्ट का इंतजार है. उन्होंने कहा कि WHO के अलर्ट के बाद सेंट्रल और स्टेट रेगुलेटरी ने साथ मिलकर जांच शुरू की. इसमें कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 12 गड़बड़ियां मिलीं. इसके बाद कंपनी को उत्पादन रोकने आदेश दिया गया है. साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
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"It has been decided to shut total production..." Haryana Minister on Maiden Pharma cough syrup plant
— ANI Digital (@ani_digital) October 12, 2022
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गाम्बिया में 66 बच्चों की हुई थी मौत
कंपनी का नाम 5 अक्टूबर को गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के मामले में पहली बार चर्चा में आया था. WHO ने इस मामले में मेडेन फार्मा की 4 कफ और कोल्ड सिरप दवाईयों पर अलर्ट जारी किया था. साथ ही इन दवाईयों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इन चार दवाईयों में प्रोमेथजाइन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मेकआफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैगरिप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup) शामिल हैं. WHO की रिपोर्ट में कहा गया था कि इन मेडिसिन में डाइथीलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा तय मानक से ज्यादा है.
भारत में नहीं बैन हैं ये खतरनाक कंपाउंड
WHO के मुताबिक मेडिसिन में डाइथीलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा ज्यादा होने से ही 66 बच्चों की मौत हुई. क्योंकि इससे गुर्दों पर बुरा असर पड़ता है. खास बात यह है कि diethylene glycol और ethylene glycol कंपाउंड की दवाओं का इस्तेमाल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में बैन है, लेकिन भारत में इन केमिकल कंपाउंड पर रोक नहीं है. जबकि इसकी वजह से 1986 में मुंबई और 2020 में जम्मू-कश्मीर में इसी तरह के दवाओं से कई मरीजों की जान जा चुकी है.
06:28 PM IST