G-20 Meeting: रिन्यूएबल एनर्जी और जरूरी मिनरल सप्लाई चेन में डायवर्सिफिकेशन पर अहम मीटिंग, जानें डीटेल्स
नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति पर यह आधिकारिक कार्यक्रम एशियाई विकास बैंक और ऊर्जा पर्यावरण एवं जल परिषद के सहयोग से आयोजित हो रहा है.
गुजरात के गांधीनगर में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, खनन मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय भारत की जी20 की अध्यक्षता के अंतर्गत दूसरी ऊर्जा अंतरण कार्यकारी समूह के हिस्सा बने. गांधीनगर में ऊर्जा स्रोतों में बदलाव कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए ‘नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना’ जी-20 कार्य समूह बैठक का एक प्रमुख विषय है.
विविधता और सुरक्षा के लक्ष्य के साथ
नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति पर यह आधिकारिक कार्यक्रम एशियाई विकास बैंक और ऊर्जा पर्यावरण एवं जल परिषद के सहयोग से आयोजित हो रहा है. मूल्य शृंखलाओं में चौतरफा विकास और ऊर्जा वितरण के लिए नवीकरण ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज श्रृंखला में विविधता आए. साथ ही उन्हें सुरक्षित बनाना इस आयोजन का केंद्र बिंदु है. कार्यक्रम के उद्घाटन भाषण के साथ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपेंद्र सिंह भल्ला और खनन मंत्रालय सचिव विवेक भारद्वाज इस आयोजन के चर्चा के विषय में निर्धारित करेंगे. निर्धारित विषयों में उद्योग एवं शिक्षा जगत और नीति निर्माण के क्षेत्र से जुड़े दुनिया के विशेषज्ञों को अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा.
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद रिपोर्ट
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद की दो रिपोर्ट जारी की जानी है. एक तो ‘वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण वितरण के लिए लचीली नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं का विकास करना’ तथा दूसरी ऊर्जा पर्यावरण और जल परिषद, इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए), इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन स्टडीज यूसी डेविस और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट इंडिया (डब्ल्यूआरआईआई)’ की रिपोर्ट है. महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से यह रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही है. इस कार्यक्रम में नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित बनाने तथा उत्पादन में वृद्धि और चक्रीय विस्तार देते हुए खनिज मूल्य श्रृंखला को सशक्त करने पर दो पैनल चर्चाएं भी होंगी.
2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य हेतु प्रतिबद्ध
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वैश्विक आर्थिक विकास और श्रृंकिंग कार्बन स्पेस, बढ़ते जलवायु जोखिमों और विस्तारवादी भू-राजनीतिक प्रतिकूलता सब एक साथ ही चल रहें हैं. वैश्विक नेट-जीरो लक्ष्य प्राप्त करने के हेतु वर्ष 2021 और 2050 के बीच सौर तथा पवन ऊर्जा क्षमताओं को क्रमशः 17 व 10 गुना बढ़ाना होगा. विद्युत और मोबिलिटी सेक्टर्स के ऊर्जा अंतरण को सुविधाजनक बनाने के लिए वार्षिक बैटरी उपलब्धता को क्रमशः 50 गुना तथा 28 गुना बढ़ाने की जरूरत है.
नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित भविष्य बनाने के लिये एक जोखिम-रहित बदलाव तभी हो सकेगा, जब सौर, पवन, बैटरी और हाइड्रोजन जैसी अक्षय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं तक पहुंच सुरक्षित हो. हमारा देश इस दौड़ में भारत, विश्व में चौथे स्थान पर है और 2070 तक नेट-जीरो लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है.
मिशन लाइफ
खनिज-निर्भर प्रौद्योगिकियों का एक प्रमुख लाभ उनकी पुन: उपयोग और निरंतर पुनर्चक्रण की क्षमता में है. उपयुक्त तकनीकों एवं बुनियादी ढांचे के माध्यम से आपूर्ति सुनिश्चित रखने में सहायक हो सकता है. चौतरफा विस्तार को बढ़ावा देने से खनिज मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूती मिलेगी. मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के जरिये भारत ऊर्जा नवीनीकरण और वितरण के लिए इन खनिजों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे सकता है.
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(PBNS इनपुट के साथ)
04:10 PM IST