कोविड-19 महामारी के बीच एक पॉजिटिव खबर है. बीते जुलाई महीने में रोजगार की स्थिति में सुधार आया है. यह संकेत ईपीएफओ के ताजा आंकड़ों में मिलता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO से जुलाई में जुड़ने वाले सब्सक्राइबर्स बढ़कर 8.45 लाख पर जा पहुंचे हैं. जबकि जून 2020 में यह आंकड़ा 4.82 लाख था. पीटीआई की खबर के मुताबिक रविवार को जारी इस आंकड़े से यह पता चलता है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति में सुधार है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खबर के मुताबिक, ईपीएफओ के पेरोल यानी रेगुलर सैलरी पर नौकरी करने वाले कर्मचारियों के पिछले महीने जारी अस्थायी आंकड़े में शुद्ध रूप से इस साल जून में 6.55 लाख रजिस्ट्रेशन की बात कही गई थी. इस आंकड़े को अब करेक्शन कर 4,82,352 कर दिया गया है. मई में जारी पेरोल आंकड़े के मुताबिक, ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से रजिस्ट्रेशन मार्च 2020 में घटकर 5.72 लाख पर आ गया जो फरवरी में 10.21 लाख था.

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में नेट रजिस्ट्रेशन निगेटिव था और इसमें 61,807 की गिरावट दर्ज की गई. बता दें, अगस्त में यह आंकड़ा 20,164 था. यानी अप्रैल में जितने लोग ईपीएफओ से जुड़े, उससे कहीं ज्यादा लोग उससे बाहर हुए. इससे पहले जुलाई में अस्थायी आंकड़े के मुताबिक, अप्रैल में नेट एक लाख नए रजिस्ट्रेशन की बात कही गई थी. उसे बाद में अगस्त महीने में करेक्शन कर 20,164 कर दिया गया.

अगर ईपीएफओ में हर महीने औसत रजिस्ट्रेशन की बात करें तो यह करीब 7 लाख रहता है. ताजा पेरोल आंकड़े के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में नेट नए सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़कर 78.58 लाख रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 61.12 लाख थी. ईपीएफओ नए सब्सक्राइबर्स का पेरोल आंकड़ा अप्रैल 2018 से जारी कर रहा है. इसमें सितंबर 2017 से आंकड़े लिए गए हैं.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

आंकड़े से यह भी पता चलता है कि सितंबर 2017 से जुलाई 2020 के बीच नेट नए सब्सक्राइबर्स की संख्या 1.68 करोड़ रही. ईपीएफओ का कहना है कि पेरोल आंकड़ा अस्थायी है और इसका अपडेट होना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. इसे आने वाले महीनों में अपडेट किया जाता है.