प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ईपीसीए ने उद्योगों की बुलाई बैठक
दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त की गई कमेटी ईपीसीए दिल्ली के उद्यमियों की एक बैठक करेगी.
दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त की गई कमेटी ईपीसीए दिल्ली के उद्यमियों की एक बैठक करेगी. कमेटी की ओर से कोयले की जगह प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को लेकर हो रही प्रगति पर चर्चा की जायेगी. ईपीसीए ने इससे पहले कहा था कि ‘कारोबार में सुगमता’ के लिए ‘सांस की सुगमता’ के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है. पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने साथ ही कहा कि प्रदूषण उत्पन्न कर रहे अवैध उद्योगों पर नकेल कसने में सबसे बड़ी चुनौती यह आ रही है कि एक जगह बंद किये जाने के बाद वे दूसरी अनधिकृत जगहों पर चले जाते हैं. उसने कहा कि दूसरी जगह जाने के बाद वे शहर के अन्य हिस्से में प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधियां जारी रखते हैं.
स्थाई समाधान ढूंढने के होंगे प्रयास
ईपीसीए की एक सदस्य ने कहा, “अगर हम दिल्ली के उद्योगों को बंद करते हैं तो वो पड़ोसी इलाकों में चले जाते हैं. हमें इसका व्यापक समाधान ढूंढना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी स्थान पर ये नहीं चल रहे हों. यह सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.” ईपीसीए की सदस्या सुनीता नारायण ने विभिन्न कोयला उद्योगों, तेल एवं गैस कंपनियों से कहा कि उन्हें अधिक स्वच्छ ईंधन ढूंढने की जरूरत है. नारायण ने कहा, “हम कारोबार में सुगमता के लिए आसानी से सांस लेने में सुगमता से समझौता नहीं कर सकते. ऐसे में या तो हमें बेहतर ईंधन की तलाश करनी होगी या स्वच्छ ईंधन पर रियायत देनी होगी.”
प्राकृतिक गैस के प्रयोग पर होगी चर्चा
ईपीसीए ने ईंधन के रूप में कोयला की बजाय प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को लेकर हुई प्रगति पर चर्चा के लिए दिल्ली के उद्यमियों की बैठक बुलायी है. इपीसीए के चेयरपर्सन भूरे लाल ने शुक्रवार को कहा कि हरित प्राधिकरण ने पिछले सप्ताह रबर तेल और सिंथेटिक इंजन तेल तथा दूसरे प्रदूषणकारी तेलों का कारोबार करने वाली 140 इकाइयों को सील किया है. हालांकि, उद्योग जगत दिल्ली में अधिक प्रदूषण के लिये वाहनों को दोषी ठहराते हैं.