Electoral Bonds: पॉलिटिकल पार्टियों को चंदा देने के लिए इस्तेमाल होने वाली इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) जिसे चुनावी बॉन्ड भी कहते हैं, उसकी 24वीं किस्त आज से शुरू हो गई है. आज गुजरात विधानसभा के लिए दूसरे चरण की वोटिंग की जा रही है. आज से इस बॉन्ड में खरीद की भी शुरुआत हुई है. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 12 दिसंबर तक इस बॉन्ड को खरीदा जा सकता है. अगर आप भी अपने पसंदीदा राजनीतिक पार्टी को फंड करना चाहते हैं तो इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद कर फंडिंग कर सकते हैं. चुनावी बॉन्ड की 23वीं किस्त 9 से 15 नवंबर तक खुली थी. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की 29 अधिकृत शाखाओं से इन बॉन्ड की खरीद 12 दिसंबर तक की जा सकेगी. 

SBI के किन ब्रांच से खरीदे जा सकते हैं Electoral Bond?

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राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए नकदी के विकल्प के तौर पर चुनावी बॉन्ड जारी करने की व्यवस्था लागू की गई. बॉन्ड को कोई भी भारतीय नागरिक या भारत में स्थापित कंपनी खरीद सकती है. चुनावी बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री 1-10 मार्च, 2018 में की गई थी. चुनावी बॉन्ड को एसबीआई की लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नयी दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर एवं मुंबई समेत 29 शाखाओं से खरीदा और भुनाया जा सकेगा.

Electoral Bond का फायदा किन पार्टियों को मिल सकता है?

एक चुनावी बॉन्ड की वैलिडिटी जारी किए जाने की तारीख से 15 दिनों तक होगी. वैलिडिटी पीरियड बीतने के बाद अधिकृत शाखाओं में बॉन्ड जमा किए जाने पर राजनीतिक दलों को कोई भी भुगतान नहीं मिल पाएगा. पिछले लोकसभा चुनाव या राज्य के विधानसभा चुनाव में न्यूनतम एक फीसदी मत पाने वाले रजिस्टक्ड पॉलिटिकल पार्टी चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा लेने के लिए पात्र हैं.

Electoral Bond को लेकर 10 महत्वपूर्ण बातें

1.इलेक्टरोल बॉन्ड को बजट 20170-18 में पेश किया गया था. 

2.यह इंटरेस्ट फ्री बैंकिंग इंस्ट्रूमेंट है जो नॉन- रिफंडेबल है और इसमें ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

3.इस बॉन्ड के बदले लोन नहीं मिल सकता है.

4.यह 1000 रुपए के मल्टीपल में खरीदा जा सकता है. 

5.इसे सिंगल या ज्वाइंट में खरीदा जा सकता है. 

6.इलेक्टोरल बॉन्ड में पेयी की डीटेल नहीं होती है.

7.बॉन्ड की वैलिडिटी पीरियड 15 दिनों की होती है. उसके बाद अगर रजिस्टर्ड शाखा में इसे जमा करते हैं तो राजनीतिक दलों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.

8. केवल उन राजनीतिक दलों को इससे फंडिंग मिल सकती है, जिन्हें पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 1 फीसदी वोट मिला हो.

9.राजनीतिक दलों को इस बॉन्ड की मदद से अब तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि मिल चुकी है.

10.इलेक्टोरल बॉन्ड पर इनकम टैक्स (सेक्शन 80GGC और 80GGB) में राहत मिलती है.

Tax में किस तरह मिलती है राहत?

Electoral Bond पर टैक्स में राहत मिलती है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के मुताबिक, इलेक्टोरल बॉन्ड पर सेक्शन 80GGC और 80GGB के तहत राहत मिलती है. 80GGB  के तहत एलिजिबल इंडियन कंपनीज को टैक्स बेनिफिट मिलता है, जबकि 80GGC के तहत इंडिविजुअल्स को टैक्स बेनिफिट मिलता है. इलेक्टोरल बॉन्ड पर 50 फीसदी से 100 फीसदी तक टैक्स में छूट मिलती है. हालांकि, यह अमाउंट इंडिविजुअल के टोटल टैक्सेबल इनकम से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अगर आप पर टैक्स का बोझ ज्यादा है तो इलेक्टोरल बॉन्ड की मदद से नेट टैक्सेबल इनकम को घटाया जा सकता है, जिससे टैक्स रेट घट जाएगा.

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