Devastating Assam Flood: बाढ़ ने मचाई तबाही, 52 की मौत और हजारों हुए बेघर, पीड़ितों ने लगाई मदद की गुहार
मॉनसून की बारिश ने पूर्वोत्तर भारत में लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सड़क, रास्ते, पगडंडियां सब सैलाब में डूब चुकी हैं. असम के बराकघाटी में मॉनूसन आफत बनकर बरस रहा है.
मॉनसून की बारिश ने पूर्वोत्तर भारत में लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सड़क, रास्ते, पगडंडियां सब सैलाब में डूब चुकी हैं. असम के बराकघाटी में मॉनूसन आफत बनकर बरस रहा है. तेज बारिश के चलते बराकघाटी के सभी नदियां उफान पर है. सबसे बुरा हाल असम का है. यहां 29 जिलों में सैलाब का संकट है. असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या अब तक 52 पहुंच गई है और वहीं हजारों लोग अब तक बेघर हो चुके हैं. पीड़ितों ने मदद की गुहार लगाई है.
Devastating Assam floods: Thousands homeless, 52 dead; victims plead assistance
— ANI Digital (@ani_digital) July 6, 2024
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बराकघाटी के सभी नदियां उफान पर
तेज बारिश के चलते बराकघाटी के सभी नदियां उफान पर हैं. बराक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. लोगों के लिए आने जाने का साधन बस नाव ही है. वहीं लगातार बारिश और ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण सबसे बड़े शहर गुवाहाटी के कई हिस्सों में शुक्रवार को भारी जलजमाव की स्थिति देखी गई है.
सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में धुबरी
सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में धुबरी पहले नंबर पर है, जहां 6,48,806 लोग प्रभावित हैं. वहीं, दारांग में 1,90,261 लोग, कछार में 1,45,926 लोग, बारपेटा में 1,31,041 लोग और गोलाघाट में 1,08,594 लोग प्रभावित हैं. सिलचर जिले के ज्यादातर स्कूल-कॉलेज अब राहत केंद्र बन चुके हैं, जहां बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोग यहां आकर रह रहे हैं. असम के नागांव, मोरीगांव जिलों का भी यही हाल है. असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में शुक्रवार तक कुल 77 जंगली जानवरों की डूबने या उपचार के दौरान मौत हो गई जबकि 94 अन्य जानवरों को बचा लिया गया. बता दें कि असम हाल के वर्षों में सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है.
असम के सीएम ने दौरा कर कही ये बात
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शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने डिब्रूगढ़ में बाढ़ प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया. डिब्रूगढ़ राज्य के बाढ़ प्रभावित 29 जिलों में से एक है. शर्मा ने बाढ़ से प्रभावित लोगों से भी बातचीत की और उन्हें राहत प्रयासों और चिकित्सा सुविधाओं के माध्यम से सहायता का आश्वासन दिया. ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण पानी की निकासी में दिक्कतें आ रही हैं। प्रभावित लोगों ने मुख्यमंत्री से बिजली आपूर्ति बहाल करने का आग्रह किया, जबकि उन्होंने बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिजली आपूर्ति बंद किए जाने की बात कही.
हालांकि मुख्यमंत्री ने जिला आयुक्त को सार्वजनिक घोषणा करके बिजली आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया ताकि लोग सावधान रहें और इस अवधि के दौरान घर के अंदर रहें. मुख्यमंत्री ने खोवांग में तटबंध टूटने का निरीक्षण किया और क्षेत्र में हुए नुकसान का आकलन किया. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि तटबंधों की मरम्मत के अलावा उन्हें मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे.
भाषा से इनपुट
12:54 PM IST