दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए Artificial Rain की डिमांड, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी
दिल्ली में AQI 450 के स्तर को पार गया है. ऐसे में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बार फिर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और कहा है कि हमें लगता है कि स्मॉग की चादर को तोड़ने के लिए अब वो समय आ गया है कि दिल्ली के अंदर आर्टिफिशियल रेन करवाई जाए.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को कृत्रिम बारिश के लिए एक बार फिर से चिट्ठी लिखी है. गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली में वाहनों पर लगातार प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और स्मॉग की चादर को हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. Artificial Rain के लिए केंद्र सरकार को अगस्त से ही लगातार चिट्ठियां लिखी जा रही हैं. एक बार ऑनलाइन मीटिंग भी हुई लेकिन अब केंद्र सरकार के मंत्री मीटिंग करने को ही तैयार नहीं है. जबकि दिल्ली सरकार ने आर्टिफिशियल रेन की सारी तैयारी पहले से कर रखी है.
अब समय आ गया कि आर्टिफिशियल रेन करवाई जाए
गोपाल राय ने कहा है कि पिछले तीन दिनों से पूरे उत्तर भारत में चाहे वो उत्तर प्रदेश हो, दिल्ली हो, पंजाब हो, राजस्थान और बिहार तक स्मॉग की चादर आसमान में फैली हुई है. ऐसे में दिल्ली के अंदर और दिल्ली के चारों तरफ ग्रैप-4 के नियम लागू कर दिए गए हैं. गोपाल राय ने बताया है कि हम ये कोशिश कर रहे हैं कि गाड़ियों पर ज़्यादा से ज़्यादा प्रतिबंध लगाया जाए. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हमें लगता है कि स्मॉग की चादर को तोड़ने के लिए अब वो समय आ गया है कि दिल्ली के अंदर आर्टिफिशियल रेन करवाई जाए. इसके लिए इस साल हमने अगस्त में ही तैयारी शुरू कर दी थी. ताकि जब स्थिति खराब हो तो उस पर काम किया जा सके.
केंद्र सरकार पर लगाया ये आरोप
गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हम केंद्र सरकार को लंबे समय से चिट्ठी लिख कर उनसे टाइम मांग रहे हैं. एक बार उनसे ऑनलाइन मीटिंग हुई थी. ऐसे में बहुत ही दुख के साथ हमें कहना पड़ रहा है कि आज ऐसी सरकार केंद्र में बैठी है जिसके पास अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और आज नवंबर में भी बार-बार चिट्ठी लिखने पर एक मीटिंग बुलाने के लिए समय नहीं है. शायद हमने विदेश में किसी दूसरे देश के मंत्री को इतनी चिट्ठी लिखी होती तो वो बैठक बुला लेते. मैं देश के प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं की अपने मंत्री साहब से बोलें कि मीटिंग तो बुलाएं.
पत्र में बताए हालात और दिल्ली सरकार के उपाय
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज! मिल सकता है 2.86 फिटमेंट फैक्टर; जानें कितनी बढ़ेगी सैलरी
2 साल में 355% रिटर्न देने वाले मल्टीबैगर Railway PSU पर आई बड़ी खबर, रेलवे से मिला ₹295 करोड़ का ऑर्डर
केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को भेजे गए अपने पत्र में गोपाल राय ने लिखा है कि यह चौथा पत्र है, सर्दियों के महीनों के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता के संबंध में. जब धुंध और पर्यावरणीय गिरावट के कारण वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बढ़ जाता है और क्लाउड सीडिंग को एक आपातकालीन उपाय के रूप में माना जाता है. आज की तारीख में दिल्ली में एक्यूआई पहले ही 450 के स्तर को पार कर चुका है और ग्रैप-IV लागू कर दिया गया है और ग्रैप-IV के तहत सभी उपाय दिल्ली में सख्ती से किए जा रहे हैं. दिल्ली सरकार पहले ही शीतकालीन कार्ययोजना लागू कर चुकी है. वायु प्रदूषण से निपटने के लिए और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल राहत के लिए वैकल्पिक समाधान तलाशने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.
क्या है क्लाउड सीडिंग
क्लाउड सीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वातावरण से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम रूप से बारिश कराई जाती है. दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर की मदद से पिछले साल ऐसे महत्वपूर्ण समय के दौरान कृत्रिम रूप से बारिश कराने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक आपातकालीन उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग की खोज की थी और देखा कि इसे लागू करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है. यह देखते हुए कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में आ गई है, मेरा मानना है कि वर्तमान स्थिति में इस पद्धति के उपयोग पर तुरंत विचार करने की आवश्यकता है.अपने पत्र में गोपाल राय ने लिखा, ‘मैं एक बार फिर आपसे अनुरोध करता हूं कि क्लाउड संचालन के लिए एनओसी/मंजूरी जारी करने में शामिल दिल्ली सरकार,आईआईटी कानपुर और अन्य सभी केंद्रीय सरकारी विभागों/एजेंसियों जैसे डीजीसीए, एमएचए, रक्षा मंत्रालय आदि के साथ तुरंत एक आपातकालीन बैठक बुलाएं.
01:51 PM IST