Delhi Hight Court LPG Subsidy: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गुरुवार को केंद्र सरकार से एक महिला की याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया जिसने दावा किया है कि ‘अति गरीब’ पृष्ठभूमि के साथ राशन कार्ड होने के बावजूद उसे उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं मिल रहा है क्योंकि पहले से उसके पास गैस कनेक्शन था. 

हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब

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न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने नोटिस जारी किया और सरकार से उस याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा जिसमें कहा गया है कि सब्सिडी उन्हें भी दी जानी चाहिए. 

क्या है आरोप?

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि अपेक्षित मानदंडों को पूरा करने के बावजूद वह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) में नामांकित नहीं हो सकी और लाभार्थी नहीं बन सकी क्योंकि यह योजना केवल उन लोगों पर लागू होगी जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं है. 

याचिका में कहा गया है, "सब्सिडी देने के उद्देश्य से दो श्रेणियों के लोगों यानी PMUY लाभार्थियों और गैर-पीएमयूवाई लाभार्थियों के बीच भेदभाव भेदभावपूर्ण, मनमाना और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है."

सब्सिडी का कितना बकाया

याचिका में कहा गया है, "यह अदालत के संज्ञान में लाया जाता है कि याचिकाकर्ता 21.05.2022 से 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी और 05.10.2023 से प्रत्येक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर 300 रुपये की सब्सिडी का हकदार है. यह संज्ञान में लाया जाता है कि याचिकाकर्ता को उक्त लाभ न देना अवैध होने के साथ-साथ अनुचित भी है."

अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए नवंबर में सूचीबद्ध किया है.