भारत ने 2023 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के साथ-साथ दुनिया भर में संकट और संघर्ष के बीच सैन्य ताकत को बढ़ाने और किसी भी सुरक्षा चुनौती का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए देश की समग्र युद्ध क्षमता में वृद्धि के वास्ते करीब 3.50 लाख करोड़ रुपये की रक्षा खरीद की. भारत ने क्षेत्रीय प्रभुत्व बनने और दक्षिण एशिया में अपनी प्रधानता स्थापित करने की चीन की लगातार कोशिशों के मद्देनजर अपने पड़ोस और उससे आगे समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपनी सैन्य भागीदारी का भी तेजी से विस्तार करने की कोशिश की. 

97 तेजस हल्के लड़ाकू, 156 प्रचंड लड़ाकू हेलिकॉप्टर की खरीद को दी मंजूरी

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देश की सैन्य शक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों, 156 प्रचंड लड़ाकू हेलीकाप्टर की खरीद और 84 सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के उन्नयन सहित कई बड़ी अधिग्रहण परियोजनाओं को मंजूरी दी. रक्षा मंत्रालय ने एक साल के अंत की समीक्षा में कहा कि 2023 में, रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने अपनी बैठकों में सशस्त्र बलों की युद्ध तैयारियों को बढ़ाने के लिए कुल 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावों को मंजूरी दी. 

31 MQ-9B, 26 राफेल विमान की खरीद को दी थी मंजूरी

जून में, खरीद पर रक्षा मंत्रालय की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था डीएसी ने विदेशी सैन्य बिक्री (एफएमएस) मार्ग के माध्यम से अमेरिका से तीनों बलों के लिए 31 MQ-9B उच्च ऊंचाई वाले लंबे समय तक चलने वाले दूरस्थ पायलट विमान सिस्टम (आरपीएएस) के खरीद की मंजूरी दे दी. एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, डीएसी ने अंतर-सरकारी समझौते के तहत फ्रांस के प्रमुख रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन से भारतीय नौसेना के लिए संबंधित उपकरण, हथियार, सिम्युलेटर और पुर्जों के साथ 26 राफेल विमान की खरीद की मंजूरी दे दी. 

एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से मिला पहला विमान 

भारतीय वायुसेना को पहला C-295 मध्यम सामरिक परिवहन विमान स्पेन के दक्षिणी शहर सेविले में सौंपे जाने के कुछ ही दिन बाद इसे औपचारिक रूप से बल में शामिल किया गया. भारत द्वारा अपने पुराने एवरो-748 बेड़े को बदलने के लिए 21,935 करोड़ रुपये में 56 C295 परिवहन विमानों को खरीदने का समझौता एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ करने के दो साल बाद यह पहला विमान मिला. समझौते के तहत, एयरबस 2025 तक सेविले में अपनी अंतिम असेंबली लाइन से 'उड़ान भरने' की स्थिति में पहले 16 विमान की आपूर्ति करेगा और बाद के 40 विमानों का विनिर्माण और संयोजन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) द्वारा किया जाएगा. दोनों कंपनियों के बीच औद्योगिक साझेदारी का करार किया गया है. 

अमेरिकी कंपनी GE और F414  लड़ाकू जेट इंजन पर हुआ समझौता

रक्षा मंत्रालय ने वर्ष में भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने पर भी अपना ध्यान केंद्रित रखा। जून में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान, अमेरिकी रक्षा कंपनी जीई एयरोस्पेस ने भारत में एफ-414 लड़ाकू जेट इंजन का उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर करने का एक समझौता किया. करार के प्रावधानों के अनुसार, तेजस हल्के लड़ाकू विमान एमके2 में इस्तेमाल के लिए जीई एयरोस्पेस एफ414 इंजन का भारत में सह-उत्पादन करेगा. 

एयरो इंडिया में शामिल हुए B-1B लांसर सुपरसोनिक हेवी बमवर्षक जेट

भारत-अमेरिका के वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और विस्तारित करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में देखा गया। दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों को प्रतिबिंबित करते हुए अमेरिकी वायु सेना के दो बी-1बी लांसर सुपरसोनिक हेवी बमवर्षक जेट फरवरी में येलहंका हवाई अड्डे पर एयरो इंडिया में शामिल हुए.अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि बमवर्षक अमेरिकी वायु सेना में निर्देशित और अनिर्देशित दोनों हथियारों का सबसे बड़ा पारंपरिक पेलोड रखता है और इसे अमेरिका की लंबी दूरी पर जाकर बम बरसाने की क्षमता का रीढ़ माना जाता है. 

भारत और फ्रांस के बीच हुए रणनीतिक समझौते

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंधों में भी 2023 में बड़ा उछाल देखा गया. दोनों पक्षों ने जुलाई में लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर इंजन के संयुक्त विकास और भारतीय नौसेना के लिए तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की. सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की अपनी नीति पर भी काम किया. 2022-23 में रक्षा उत्पादन का मूल्य पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया.

पीएम मोदी ने भरी तेजस से उड़ान, कई देशों के साथ हुए सैन्य अभ्यास 

नवंबर में, प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन, विकसित और निर्मित 'तेजस' दो सीट वाले हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरी. मोदी के समक्ष 30 मिनट की उड़ान के दौरान तेजस की क्षमताओं को प्रदर्शित किया गया. यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधान मंत्री ने इस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी. सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं के अनुरूप, सेना के तीनों अंगों ने आम चुनौतियों का सामना करने में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पिछले एक साल में कई मित्र देशों के साथ कई सैन्य अभ्यास किए. 

भारत ने 2023 में सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को भी प्राथमिकता दी और इस वर्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 118 परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की. सितंबर में, उन्होंने 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू कीं. फरवरी में, रक्षा बजट को पिछले साल के 5.25 लाख करोड़ रुपये के आवंटन से 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2023-24 के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था.