Congress accuses SEBI chairperson: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए थे. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से विपक्ष लगातार सेबी चेयरपर्सन पर आरोपों की झड़ी लगाए हुए है. सोमवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर मामले में नए आरोप लगाए हैं. यही नहीं, सेबी चेयरपर्सन की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े किए हैं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशान साधा है. 

'शतरंज के खेल में बादशाह कोई है'

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कांग्रेस का दावा है कि शतरंज के खेल में बादशाह कोई है, लेकिन सारे अधिकार उसके पास हों ऐसा जरूरी नहीं है, वो मोहरा भी हो सकता है. कांग्रेस का इशारा माधबी पुरी बुच की तरफ है. वो सेबी अध्यक्ष हैं और इन्हें अप्वाइंट करते हैं ACC के लोग जिनमें पीएम और अमित शाह शामिल हैं. हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट पर SC मॉनिटरिंग में हुई जांच की बात हम कर चुके हैं. सेबी की चेयरपर्सन ने 2017 से 2024 तक ICICI Bank से 16 करोड़ 80 लाख तनख्वाह ली. ICICI bank, ICICI Prudential से सैलरी और ESoPs लिए है. ये सेबी के सेक्शन 54 का उल्लंघन है. 

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला

मार्केट रेगुलेटर होने के बावजूद किसी कंपनी से तनख्वाह लेना कितना सही है? सवाल यह है कि पैसा क्यों लिया और सेवा क्या दी? Whole Time Member रहने के दौरान इनको ICICI Bank और प्रूडेंशियल से लगातार पैसे मिले. 2021-22 में ICICI Bank से तनख्वाह बंद होती है लेकिन ESoP मिलते हैं. प्रूडेंशियल से तनख्वाह और ESOP मिलते हैं और TDS भी.

क्या PM को इसकी जानकारी थी?

सवाल आईसीआईसीआई बैंक और प्रूडेंशियल से नहीं, सेबी चीफ से है कि आप ही जांच करें और तनख्वाह भी लें. पीएम से सवाल है कि रेगुलेटरिक प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया क्या है? पीएम से सवाल है कि ACC के सामने क्या ये जानकारी आई थी, क्या बाद में पता चला? और अगर नहीं तो क्या सरकार चला रहे हैं? पीएम से सवाल है की सेबी चीफ के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले की जानकारी थी?

ESoPs कैसे मिलते रहे?

ESoPs की एक पॉलिसी होती है, कंपनी छोड़ने के बाद भी सेबी प्रमुख को लाभ मिलते रहे? क्या पीएम को इसकी जानकारी थी? पीएम से सवाल है कि सेबी प्रमुख के खिलाफ इतने आरोप, जानकारी, हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट के बावजूद उन्हें बचा कौन रहा है? आईसीआईसीआई बैंक ने क्या कहीं भी डेलकारेशन किया है कि इस तरह के ESoPs दे रहे हैं? ICICI से दूसरा सवाल आखिर ये पैसे क्यों दे रहे थे और बदले में क्या लेते थे?