चंद्रमा पर पड़ने लगी सूरज की रोशनी, ISRO फिर शुरू कर सकता हैं लैंडर विक्रम की खोज
इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-2 (Chanrayaan 2) के ऑर्बिटर से चांद (Moon) की सतह की खींची गई तस्वीर जारी की गई है. हाई रिजॉल्यूशन कैमरे की इस तस्वीर पर चंद्रमा की सतह बेहद साफ नजर आ रही है.
ISRO को उम्मीद है कि सनलाइट से लैंडर विक्रम में फिर जान आ सकती है. (ISRO ने जारी की फोटो)
ISRO को उम्मीद है कि सनलाइट से लैंडर विक्रम में फिर जान आ सकती है. (ISRO ने जारी की फोटो)
इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-2 (Chanrayaan 2) के ऑर्बिटर से चांद (Moon) की सतह की खींची गई तस्वीर जारी की गई है. हाई रिजॉल्यूशन कैमरे की इस तस्वीर पर चंद्रमा की सतह बेहद साफ नजर आ रही है. बता दें कि ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा का चक्कर लगा रहा है और यह 7.5 साल तक काम करता रहेगा.
एक अच्छी खबर यह भी है कि चंद्रमा पर सूरज की रोशनी आज से पड़ने लगी है. ISRO को उम्मीद है कि इससे लैंडर विक्रम में फिर जान आ सकती है. उसमें मौजूद सोलर पैनल फिर काम करना शुरू कर सकते हैं. आपको बता दें कि रोवर प्रज्ञान अभी विक्रम के साथ ही है.
कौन हैं विक्रम और प्रज्ञान
विक्रम लैंडर है, जो लैंडिंग करेगा और प्रज्ञान रोवर है, जिसके 6 पैर हैं. वह मून पर घूमेगा. वहीं ऑर्बिटर सैटेलाइट है जो चंद्रमा का चक्कर काट रही है.
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साउथ पोल ही क्यों
चंद्रयान-2 मिशन (chandrayaan-2) में भारत ने अपने यान को उतारने के लिए साउथ पोल ही चुना है. क्योंकि चंद्रमा के इस इलाके में सबसे ज्यादा पानी और मिनरल है, जिस पर हम जिंदा रहते हैं.
ऑर्बिटर का काम
इसरो ने कहा है कि चंद्रमा के चक्कर लगा रहा चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सोडियम, कैल्शियम, एल्युमीनियम, सिलिकॉन, टाइटेनियम, लोहे जैसे खनिज तत्वों का पता लगाने के लिए काम कर रहा है.
#ISRO
— ISRO (@isro) 4 October 2019
Have a look at the images taken by #Chandrayaan2's Orbiter High Resolution Camera (OHRC).
For more images please visit https://t.co/YBjRO1kTcL pic.twitter.com/K4INnWKbaM
नासा ने भेजी थी तस्वीरें
इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने सितंबर में चंद्रमा के साउथ पोल के उस हिस्से की तस्वीरें ली थीं, जहां विक्रम की लैंडिंग हुई थी. अब चंद्रमा पर सूरज की रोशनी पड़ने लगती है तो फिर विक्रम को ढूंढने की कोशिश शुरू हुई है.
टॉयली ने जताई उम्मीद
खगोलविद स्कॉट टायली ने भी ट्वीट कर विक्रम लैंडर से संपर्क जुड़ने की उम्मीद जताई है. टायली ने 2018 में अमेरिका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकाला था. यह इमेज सैटेलाइट नासा द्वारा 2000 में लॉन्च की गई थी, जिसके 5 साल बाद इससे संपर्क टूट गया था.
07:10 PM IST