केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने 200 ऐसी साइटों की पहचान की है जहां 428.9 गीगावॉट क्षमता के बड़े ताप बिजली संयंत्र लगाए जा सकते हैं. सीईए द्वारा कराए गए अध्ययन में कहा गया है कि यह मौजूदा 346.61 गीगावॉट की स्थापित क्षमता से अधिक है. प्राधिकरण ने बड़े खदान निकासी क्षेत्रों (पिटहेड) और तटीय गंतव्यों की पहचान के लिए सैटेलाइट मैपिंग के जरिये यह अध्ययन किया है. इसमें रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है.

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200 नई साइटों की पहचान की गई

एक अधिकारी ने कहा कि 4,28,905 मेगावॉट की कुल क्षमता वाली 200 साइटों की पहचान की गई है. हालांकि, इस बीच देश तेजी से हरित बिजली संसाधनों को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. अधिकारी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि भविष्य में ताप बिजली स्टेशन स्थापित करने की जरूरत होगी क्योंकि ये बेस लोड का काम पूरा करते हैं और सरकार के 2022 तक 175 गीगावॉट के अक्षय ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए ग्रिड स्थिरीकरण के लिए इनकी जरूरत है.  

और बढ़ेगी ऊर्जा की मांग

इसमें कहा गया है कि यह मांग भविष्य में और बढ़ेगी क्योंकि सरकार ने 16,320 करोड़ रुपये की योजना के तहत मार्च, 2019 तक सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. गौरतलब है कि सरकार अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा श्रोतों केा बढ़ाने के साथ ही बड़े पैमाने पर पेट्रोल व डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए काम कर रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से प्रोत्साहित किया जा रहा है.