फर्जी कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की खैर नहीं! झूठे और भ्रामक विज्ञापन दिया तो होगी कड़ी कार्रवाई, जानें क्या हैं नए नियम
कोचिंग सेंटर को टॉपर्स की फोटो के साथ उसके द्वारा चुना हुआ कोर्स की, अवधि, कोर्स पेड था या नि:शुल्क आदि सभी जरूरी जानकारियां देना आवश्यक हैं. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो विज्ञापन गलत और झूठा माना जाएगा और संबंधित कार्रवाई की जाएगी.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने मंगलवार को कोचिंग सेंटर के द्वारा झूठे और गलत दावों वाले विज्ञापन को रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए बैठक आयोजित की. इस बैठक में समिति ने दिशानिर्देशों के ड्राफ्ट पर विचार-विमर्श किया. ये दिशानिर्देश सभी कोचिंग संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे ऑनलाइन हों या फिजिकल फॉर्म में हों. दिशानिर्देश यह भी बताते हैं कि क्या किया जाए और क्या न किया जाए, जिन्हें विज्ञापन जारी करने से पहले जान लेना चाहिए.
ये कोचिंग सेंटर रहे बैठक में शामिल
इस बैठक में समिति के अध्यक्ष उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव और CCPA के मुख्य कमिश्नर श्री रोहित कुमार सिंह और सीसीपीए के अन्य सदस्य कमिश्नर, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT), शिक्षा मंत्रालय, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) दिल्ली, फिटजी, खान ग्लोबल स्टडीज और इकिगाई के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इनके अलावा लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए.
कन्ज्यूमर को गुराह न करें कोचिंग सेंटर
उपभोक्ता मामले के सचिव एवं CCPA मुख्य आयुक्त श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कन्ज्यूमर के हितों की सुरक्षा CCPA की चिंता का विषय है. उन्होंने विशेष रूप से कोचिंग क्षेत्र में विज्ञापनों से संबंधित विशिष्ट पहलुओं से निपटने में स्पष्टता की जरूरत पर प्रकाश डाला. उन्होंने यह भी कहा कि CCPA दृढ़ता से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एवं उनके साथ होने वाली धोखाधड़ी रोकने में विश्वास रखता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि किसी भी सामान या सेवा के संबंध में कोई ऐसा गलत या झूठा विज्ञापन न दिया जाए जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो.
इस स्थिति में विज्ञापन गलत माना जाएगा
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ये दिशानिर्देश ऐसी शर्तें निर्धारित करते हैं जब कोचिंग संस्थान द्वारा दिया गया कोई विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत गलत और झूठा विज्ञापन माना जाएगा, जब उसमें अन्य बातों के साथ-साथ सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए कोर्स से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी जैसे टॉपर्स द्वारा चुने गए कोर्स (चाहे मुफ़्त हो या सशुल्क और पाठ्यक्रम की अवधि आदि) छिपाई गई हो.
दिशानिर्देश यह भी बताते हैं कि क्या किया जाए और क्या न किया जाए, जिन्हें विज्ञापन जारी करने से पहले समझना जरूरी है. जानें क्या हैं ये गाइडलाइंस-
1. कोचिंग संस्थान टॉपर की फोटो के साथ निम्न जानकारी का उल्लेख करेगा:-
- टॉपर की रैंक
- टॉपर द्वारा चुना गया पाठ्यक्रम
- कोर्स की अवधि
- कोर्स पेड था या नि:शुल्क
2. कोचिंग संस्थान शत-प्रतिशत चयन या शत-प्रशित नौकरी की गारंटी या प्रीलिम्स या मेन्स एग्जाम की गारंटी का दावा नहीं करेंगे.
3. विज्ञापन में अस्वीकरण/डिस्क्लेमर/महत्वपूर्ण जानकारी का फ़ॉन्ट का साइज वही होगा जो दावे/विज्ञापन में उपयोग किया गया है. विज्ञापन में ऐसी जानकारी विजिबल होनी चाहिए.
CCPA को यह पता चला है कि कुछ कोचिंग संस्थान जानबूझकर सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम की अवधि और उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई फीस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर उपभोक्ताओं को गुमराह करते रहते हैं. इसे देखते हुए समिति ने पाया कि दिशानिर्देश जारी करने की तत्काल आवश्यकता है और यह दिशानिर्देश जल्द से जल्द जारी किए जाने चाहिए. इससे पहले CCPA ने कोचिंग संस्थानों द्वारा झूठे विज्ञापन के खिलाफ संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी. इस संबंध में, सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन के लिए 31 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया है और उनमें से 9 पर भ्रामक विज्ञापन के लिए जुर्माना लगाया है.
08:07 PM IST