मिस्ड कॉल कर Bank खाता खाली कर रहा यह गैंग, एक झटके में इस बिजनेसमैन के अकाउंट से उड़ाए 2 करोड़
मुंबई में एक बिजनेसमैन के साथ मोबाइल फोन पर ऐसी ठगी हुई कि वह कुछ ही घंटों में 1.86 करोड़ रुपए गंवा बैठा. दरअसल, कुछ साइबर ठगों ने उनके मोबाइल पर 6 बार मिस्ड कॉल की थीं.
खाते से उड़ाई गई रकम 14 खातों में ट्रांसफर की गई थी. इसमें कुल 28 ट्रांजेक्शन हुए थे. (फोटो : जी न्यूज)
खाते से उड़ाई गई रकम 14 खातों में ट्रांसफर की गई थी. इसमें कुल 28 ट्रांजेक्शन हुए थे. (फोटो : जी न्यूज)
मुंबई में एक बिजनेसमैन के साथ मोबाइल फोन पर ऐसी ठगी हुई कि वह कुछ ही घंटों में 1.86 करोड़ रुपए गंवा बैठा. दरअसल, कुछ साइबर ठगों ने उनके मोबाइल पर 6 बार मिस्ड कॉल की थीं. इसमें 1 नंबर ब्रिटेन के +44 कोड से शुरू था. ये कॉल चूंकि आधी रात के बाद आई थी, सो बिजनेसमैन वी शाह ने बाद में उन पर कॉल बैक किया तो पता चला कि उनका सिम बंद (Deactivate) हो चुका है.
दूसरे की रिक्वेस्ट पर बंद कर दिया SIM
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब उन्होंने SIM के डिएक्टिवेट होने की पड़ताल की तो सर्विस प्रोवाइडर ने बताया कि SIM बंद करने की रिक्वेस्ट उसकी ओर से ही दी गई थी. यह सुनकर मुंबई के माहिम के बिजनेसमैन के होश उड़ गए. उन्होंने सर्विस प्रोवाइडर से कहा कि उन्होंने ऐसी कोई रिक्वेस्ट नहीं दी. उन्हें संदेह हुआ कि कहीं कुछ गड़बड़ है.
कैसे हुई यह साइबर ठगी
शाह इसके बाद बैंक गए तो पता चला कि उनकी कंपनी के खाते से साइबर ठगों ने 1.86 करोड़ रुपए उड़ा लिए हैं. यह घटना 27-28 दिसंबर की है. मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक उनके खाते से उड़ाई गई रकम 14 खातों में ट्रांसफर की गई थी. इसमें कुल 28 ट्रांजेक्शन हुए थे. शाह के दरख्वास्त पर बैंक सिर्फ 20 लाख रुपए वापस लाने में सफल रहा लेकिन बाकी रकम ठगों के पास ही रह गई.
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साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज
शाह के मुताबिक सिम बदलने की रिक्वेस्ट 27 दिसंबर की देर रात दी गई थी और मिस्ड कॉल 28 दिसंबर को आधी रात के बाद आई. शाह ने बताया कि उनकी कंपनी का बैंक खाता उनके मोबाइल नंबर से जुड़ा है. शाह ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है.
हैकिंग के जरिए चुराया नंबर
एक पुलिस अफसर ने बताया कि संभव है कि ठगों के पास शाह के SIM का यूनिक नंबर रहा होगा और उन्होंने SIM बदलने की रिक्वेस्ट दे दी. उन्होंने शाह को इसीलिए रात में कॉल किया, जब उनका फोन साइलेंट मोड पर रहता है. SIM का यूनिक नंबर हैकिंग के जरिए लिया गया होगा. क्योंकि शाह का कहना है कि उन्होंने SIM का यूनिक नंबर किसी के साथ शेयर नहीं किया.
कैसे बचें ऐसी ठगी से
पुलिस अफसर के मुताबिक जब भी कोई ग्राहक किसी बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के बजाय किसी फर्जी वेबसाइट पर चला जाता है तो उसकी डिटेल अपने आप चोरी हो जाती है. उसके डाटा को हैकर देख सकते हैं. पुलिस ने कहा कि शाह के ठगी का शिकार होने के पीछे कारण यह हो सकता है कि उन्होंने किसी ईमेल या एप के जरिए किसी फर्जी वेबसाइट या एप को खोला होगा और उनकी निजी जानकारी चोरी हो गई. ऐसा ही एक मामला घाटकोपर में हुआ था जहां, साइबर ठगों ने 50 लाख रुपए चुरा लिए थे.
12:34 PM IST