स्टील उत्पाद करने वाली कंपनियां बजट से काफी उत्साहित हैं. स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने वित्त वर्ष 2019-20 के अन्तरिम बज़ट को भारतीय उद्योग और इस्पात क्षेत्र के लिए सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि यह बजट देश के तेज गति के आर्थिक विकास पर केन्द्रित होने के साथ –साथ रेलवे, रक्षा, सड़क, फ्लाइवेयर, विमानन, जलमार्ग, अंतरिक्ष, एलपीजी गैस समेत सागरमाला परियोजना जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस है. ये सभी क्षेत्र सीधे तौर पर इस्पात उत्पादों के उपभोग से जुड़े हैं और यह निश्चित रूप से आने वाले दिनों में देश में इस्पात खपत बढ़ाने में मददगार साबित होंगे.

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चौधरी ने कहा कि सरकार ने भारतीय रेलवे के लिए अब तक की सबसे बड़ी राशि 1,58,658 करोड़ रुपये का प्रावधान कैपिटल खर्च के रूप में किया है, जिसमें भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के साथ रेल यात्रियों कि सुविधाओं को बढ़ाने पर मुख्य रूप से ज़ोर दिया जाना है, जिसमें सेल द्वारा उत्पादित रेल और व्हील-एक्सेल समेत अनेक इस्पात उत्पादों की बड़ी मात्रा में ज़रूरत पड़ने वाली है.

सेल अध्यक्ष ने ख़ुशी जाहिर करते हुए बताया कि सेल ने भारतीय रेलवे को जनवरी, 2019 में रिकार्ड 1,03,234 टन रेल की आपूर्ति की है. सेल ने यह आपूर्ति अपने भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल तथा यूनिवर्सल रेल दोनों मिलों के जरिये की है. इसके साथ ही सेल, भारतीय रेलवे को रेल-आपूर्ति की दिशा में एक बड़ी छ्लांग लगाने को तैयार है. इसके अलावा सेल भारतीय रेलवे के एलएचबी कोचेच के लिए एलएचबी व्हील की आपूर्ति भी बहुत जल्द शुरू करेगा.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर 19000 करोड़ रुपये के प्रावधान और सरकार के हाइवे निर्माण पर ज़ोर को इस्पात क्षेत्र के लिए आशाजनक बताते हुए सेल के अध्यक्ष ने कहा कि रक्षा और अन्तरिक्ष के अलावा सरकार का स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर भी विशेष रूप से ज़ोर है. इस क्षेत्र में सुविधाओं का विकास भी इस्पात के उपभोग से सीधे जुड़ा हुआ है. सरकार ने लोगों की आमदनी बढ़ाने के उपाय के साथ-साथ घर निर्माण को आसान बनाया है और उस पर कर प्रावधानों में कुछ छुट भी दी है, इससे भी देश में इस्पात खपत को मजबूती मिलेगी.