हफ्ते में 70 घंटे काम वाले नारायण मूर्ति के बयान पर बोले डॉक्टर- 'रोज 12 घंटे काम करना दिल के लिए सही नहीं'
बेंगलुरु के एक कार्डियोलॉजिस्ट (दिल के डॉक्टर) डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति के इस बयान पर विरोध जताया है. उन्होंने बताया है कि कैसे रोज 12 घंटे काम करने का सीधा असर आपके दिल पर होगा.
हाल ही में नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने कहा था कि युवाओं को रोज 12 घंटे (Working Hours) और हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए, तभी देश आगे बढ़ेगा. उनकी बात का सज्जन जिंदल और भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarawal) ने समर्थन भी किया. उनका भी यही कहना था कि इस वक्त हमें आराम नहीं, बल्कि काम करने के बारे में सोचना चाहिए. इसी बीच बेंगलुरु के एक कार्डियोलॉजिस्ट (दिल के डॉक्टर) डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति के इस बयान पर विरोध जताया है. उन्होंने बताया है कि कैसे रोज 12 घंटे काम करने का सीधा असर आपके दिल पर होगा.
क्या कहा है डॉक्टर ने?
डॉक्टर ने लिखा है- एक दिन 24 घंटे होते हैं (जितना मुझे पता है). अगर आप हफ्ते में 6 दिन 12 घंटे रोज के हिसाब से काम करेंगे तो रोज आपको पास 12 घंटे बचेंगे. इनमें से 8 घंटे सोने में चले जाएंगे और बेंगलुरु जैसे शहर में 2 घंटे तो ट्रैफिक में ही गुजर जाएंगे. बचे 2 घंटे, जिसमें आपको खाना है, नहाना है, फ्रेश होना है, रेडी होना है सब करना है. इस तरह लोगों से मिलने के लिए आपके पास वक्त नहीं होगा, परिवार से बात करने का वक्त नहीं होगा. वहीं यहां ये बताने की जरूरत नहीं है कि कंपनियां उम्मीद करती हैं कि लोग अपने काम करने के घंटों के बाद भी फोन उठाएं, ईमेल और मैसेज देखें और जवाब दें. और फिर हैरान होते हैं कि आखिर युवाओं को दिल के दौरे क्यों पड़ रहे हैं?
एक अन्य ट्वीट का जवाब देते हुए डॉ. ने कहा है कि सरकार को नौकरियों की संख्या दोगुनी कर देनी चाहिए. इससे बेरोजगारी पर लगाम लग जाएगी और युवा वर्क-लाइफ-बैलेंस का फायदा उठा सकेंगे. उन्होंने एक अन्य ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि डॉक्टर बाकी लोगों की तुलना में करीब 10 साल पहले मर जाते हैं. दरअसल, उनसे एक शख्स ने पूछा था कि क्या युवा डॉक्टरों का शेड्यूल आपको गलत नहीं लगता? इस पर उन्होंने ये जवाब दिया.
क्या कहा था नारायण मूर्ति ने?
कुछ दिन पहले ही दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने हर रोज 12 घंटे काम करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि देश के युवाओं को हर रोज करीब 12 घंटे काम (Working Hours) करना चाहिए, ताकि देश तेजी से तरक्की कर सके. JSW Group के चेयरमैन Sajjan Jindal ने भी नारायण मूर्ति की बात का समर्थन किया था और अब ओला (Ola) के भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarawal) ने भी उनकी बात का समर्थन किया है. भाविश ने कहा है कि ये वक्त कम काम करने और मौज-मस्ती का नहीं.
नारायण मूर्ति ने कहा था कि जब युवा हफ्ते में 70 घंटे काम (Working Hours) करेंगे, तभी भारत आगे निकल पाएगा. उन्होंने यह बातें पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के लिए इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई से बात करते हुए कहीं. उन्होंने कहा मौजूदा वक्त में भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है. यहां हमारा मुकाबला सबसे ज्यादा चीन से है और ऐसे में युवाओं को अतिरिक्त घंटे काम करना होगा. जापान और जर्मनी ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद कुछ ऐसा ही किया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को भी भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में अहम कदम उठाने होंगे. अगर हमें प्रगतिशील देशों से मुकाबला करना है तो नौकरीशाही को बेहतर बनाना होगा. वह बोले कि युवाओं को कहना चाहिए ये मेरा देश है और मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करूंगा. उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, लेकिन देश के लोगों को आगे बढ़कर योगदान देना होगा. जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, तब तक बेचारी सरकार क्या कर सकती है.
नारायण मूर्ति बोले कि वर्क प्रोडक्टिविटी के मामले में चीन एक जीता-जागता उदाहरण है, जहां लोग भारत की तुलना में अधिक देर काम करते हैं. देश के सभी युवाओं से उन्होंने आग्रह किया है कि इसे महसूस करें और अगले 20-50 सालों तक दिन में 12 घंटे काम करें, ताकि भारत जीडीपी के मामले में नंबर-1 या 2 बन जाए.
नारायण मूर्ति ने सुनाया एक दिलचस्प किस्सा
टेक्नोलॉजी की उपलब्धता बताते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि एक उनके रसोइया ने कहा कि सर आपका डायबिटीज से बचाने वाला आटा खत्म होने वाला है, तो अभी ऑर्डर करना होगा. इस पर मूर्ति ने उसे अपने पास बैठा कर अमेजन से ऑर्डर किया. वह बोले मेरा रसोइया युवा है और ओडिशा से है, उसे ऑनलाइन ऑर्डर के बारे में पता है, उसे पता है कि 2 महीने के लिए कितना आटा चाहिए और उसने तुरंत ऑर्डर कर दिया. इससे समझ आता है कि तकनीक कितनी आगे बढ़ चुकी है. पहले के जमाने में राशन खरीदने के लिए दूर जाना पड़ता थ, लेकिन आज सब कुछ सिर्फ एक क्लिप पर उपलब्ध है. मूर्ति ने कहा कि जब उन्होंने आटा ऑर्डर किया तो रात के 10 बज रहे थे, जबकि पुराने जमाने में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.