आयुष्मान भारत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) इंदु भूषण ने कहा कि आयुष्मान भारत को लेकर शुरुआती चरण में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. इस योजना के तहत 2 करोड़ स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं. योजना लागू होने के पांच महीने शनिवार को पूरे हो रहे हैं. भूषण ने कहा कि हम प्रतिदिन 4 से 5 लाख कार्ड जारी कर रहे हैं. 15,000 अस्पताल इस अभियान से जुड़े हैं, जिनमें से 15 प्रतिशत अस्पताल निजी अस्पताल हैं. 

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बदलाव का इंतजार नहीं करें

भूषण ने कहा कि इस अभियान का भविष्य निजी और सरकारी स्वास्थ्यसेवा इकाइयों के बीच एक अच्छे एकीकरण पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा ‘‘मैं सभी इकाइयों से अनुरोध करता हूं कि वे हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठे और बदलाव का इंतजार नहीं करें बल्कि हमारे साथ जुड़ कर खुद बदलाव करें.’’ 25वें मेडिकल फेयर इंडिया (एमएफआई) 2019 में वीओएच इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के चौथे संस्करण का उद्घाटन करते हुए भूषण ने यह बात कही. 

बढ़ावा देने के लिए मेले का आयोजन

आयुष्मान भारत योजना और सभी के लिए स्वास्थ्यसेवा जैसी योजना को बढ़ावा देने के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है. इसका उद्देश्य भारतीय स्वास्थ्यसेवा को दुनिया से जोड़ना है. इंदु भूषण ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य क्षेत्र एक राजनीतिक प्रतिबद्धता बन गया है. भारत सरकार ने देश में स्वास्थ्यसेवा तंत्र को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जताते हुए क्षेत्र में निवेश ढाई प्रतिशत बढ़ाने की पहल की है. 

पांच लाख रुपये का चिकित्सा बीमा

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि स्वास्थ्यसेवा क्षेत्र आय और रोजगार के मामले में देश के सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक बन गया है. आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये का चिकित्सा बीमा उपलब्ध कराया गया है. माना जा रहा है कि देश के 10 करोड़ परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा. आयुष्मान भारत कार्डधारी परिवार के सदस्य योजना से जुड़े किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं. 

(इनपुट एजेंसी से)