MBBS in hindi: अब हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई, अमित शाह ने लॉन्च की ये खास किताबें
MBBS in Hindi: मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों को तीन एमबीबीएस विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री हिंदी में पढ़ाया जाएगा. इस किताब का आज विमोचन होगा.
MBBS in Hindi: अब हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई, अमित शाह ने लॉन्च की ये खास किताबें
MBBS in Hindi: अब हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई, अमित शाह ने लॉन्च की ये खास किताबें
MBBS in Hindi: देश में पहली बार मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने MBBS फर्स्ट ईयर की तीन किताबों का विमोचन किया. मध्य प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्रों को तीन एमबीबीएस विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री हिन्दी में पढ़ाया जाएगा. कई साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने इस पहल की शुरुआत की थी.
सिलेबस भी हुआ हिंदी में तैयार
अब एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के तीन विषय Anatomy, Physiology and Biochemistry का सिलेबस हिंदी में तैयार किया गया है. इस पहल के बाद अब गांव-गरीब और हिंदी बैकग्राउंड के छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना आसान हो जाएगा.
अंग्रेजी-हिंदी दोनों भाषाओं में होंगे शब्द
हिंदी माध्यम की इन किताबों में अंग्रेजी के शब्दों को ब्रैकेट में रखा गया है. जैसे रक्तचाप, रीढ़, हृदय, गुर्दा, यकृत या शरीर के महत्वपूर्ण अंगों या उससे संबंधित शब्दों को हिंदी के साथ उसका उच्चारण व शब्द अंग्रेजी में भी लिखा गया है. एमबीबीएस कोर्स की हिंदी माध्यम की किताबें इस तरह तैयार की जा रही हैं कि स्टूडेंट्स तक किताबें पहुंचने में देरी न हो और वह अंग्रेजी मीडियम के स्टूडेंट्स के साथ ही अपना कोर्स पूरा कर सकें.
जानें किसने दिया था सुझाव
भारत के जानें-मानें लेखक वेद प्रताप वैदिक मैनेट भोपाल के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 2019 में आए थे. हिंदी के विस्तार पर पत्रकारों ने जब हिंदी शिक्षा के विषय पर संवाद करते हुए हिंदी विश्वविद्यालय को लेकर सवाल पूछा था. वैदिक पत्रकारों से बात करते हुए कहते हैं कि हिंदी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो.
कई देशों में होती है मातृभाषा में पढ़ाई
यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी. जर्मनी, रूस, चीन, फ्रांस और अन्य कॉलेजों जैसे विभिन्न देश अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में बच्चों को पढ़ाते हैं.
01:36 PM IST