किसान अपनी कड़ी मेहनत से धरती का सीना चीरकर फसल के रूप में सोना तैयार करता है, लेकिन मध्य प्रदेश के पन्ना जिला का किसान धरती चीर कर बेशकीमती हीरे पा लेता है. जी हां, ये सच है. पन्ना जिले के एक किसान ने सरकार से जमीन का पट्टा किराए पर लेकर हीरे की खोज के लिए खनन शुरू किया. दो साल की लगातार की लगन आखिरकार रंग लाई और उस किसान को 6.47 कैरेट का हीरा मिल ही गया.

ये छटवीं बार मिला हीरा

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मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के इस किसान ने दो साल में छठी बार हीरा खोज निकाला है. और इस बार भी उसने 6.47 कैरेट वजन के उच्च गुणवत्ता वाले हीरे का खनन किया है.

प्रभारी हीरा अधिकारी नूतन जैन ने बताती हैं कि जिले के जरुआपुर गांव की एक खदान से शुक्रवार को किसान प्रकाश मजूमदार को यह हीरा मिला. उन्होंने कहा कि 6.47 कैरेट के हीरे को आगामी नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाएगा और कीमत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार तय की जाएगी.

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किसान अपने साथियों में बांटेगा रकम

किसान मजूमदार कहते हैं कि नीलामी से मिलनेवाली राशि को वह खदान उत्खनन में लगे अपने चार भागीदारों के साथ साझा करेंगे. उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "हम पांच साझेदार हैं. हमें 6.47 कैरेट का हीरा मिला है, जिसे हमने सरकारी हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है."

उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले साल 7.44 कैरेट का हीरा मिला था. इसके अलावा, उन्होंने पिछले दो वर्षों में 2 से 2.5 कैरेट वजन के चार अन्य कीमती पत्थरों का भी खनन किया था.

रु. 30 लाख तक हो सकती है कीमत

अधिकारियों ने कहा कि कच्चे हीरे की नीलामी की जाएगी और इससे होने वाली आय को सरकारी रॉयल्टी और करों की कटौती के बाद किसान को दिया जाएगा. निजी अनुमान के मुताबिक नीलामी में 6.47 कैरेट के हीरे की कीमत करीब 30 लाख रुपये हो सकती है.

सरकार देती है हीरा खनन का मौका

पन्ना जिले में 12 लाख कैरेट के हीरे का भंडार होने का अनुमान है. राज्य सरकार पन्ना हीरा आरक्षित क्षेत्र में स्थानीय किसानों और मजदूरों को हीरों की खदान के लिए जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े पट्टे पर देती है और खनन में मिलनेवाले हीरों को जिला खनन अधिकारी के पास जमा कराती है.