दिल्ली वालों के लिए गुड न्यूज, 24 घंटे खुले रहेंगे रेस्तरां और होटल, एलजी ने दी मंजूरी
सरकार ने जरूरी सामान की दुकानें (essential Goods Shops) दिन-रात 24 घंटे खुली रखने का फैसला किया है. इस फैसले से बड़े शहरों में प्रचलित 'नाइट लाइफ' कल्चर को को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
24 hours Online Delivery at Delhi: दिल्ली वालों के लिए गुड न्यूज है. अगले हफ्ते से अब दिल्ली के लोग 300 से ज्यादा प्रतिष्ठानों से 24 घंटे शॉपिंग कर सकेंगे. इनमें रेस्टोरेंट से लेकर मेडिकल शॉप्स तक शामिल हैं. इसके साथ ही चौबीस घंटे डिलीवरी सुविधा में होटल-रेस्टोरेंट, खाने-पीने से संबंधित ऑनलाइन डिलीवरी करने वालों के साथ 24 घंटे दवाइयां उपलब्ध कराने वाले प्रतिष्ठानों को भी शामिल किया जाएगा. यह जानकारी उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दी है.
जल्द जारी हो सकता है नोटिफिकेशन
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एलजी ने फर्मों द्वारा किए गए आवेदनों के निपटान में श्रम विभाग की ओर से की गई अत्यधिक देरी का मुद्दा गंभीरता से उठाया. एलजी ने आदेश दिया है कि दिल्ली में निवेशक और व्यापार के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आवेदनों को एक सख्त समय सीमा के भीतर निपटाया जाए. एलजी ने कहा अगले सप्ताह से 300 से अधिक प्रतिष्ठान राष्ट्रीय राजधानी में चौबीसों घंटे काम कर सकेंगे. इसको लेकर नोटिफिकेशन जल्द ही जारी हो सकता है. इसके तहत 314 प्रतिष्ठानों को अनुमति दी जा रही है. इस फैसले से बड़े शहरों में प्रचलित 'नाइट लाइफ' कल्चर को को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इसमें ट्रांसपोर्ट-ट्रैवल सहित कई KPO और BPO को भी शामिल किया गया है.
क्या-क्या मिलेगी सुविधा
24*7 खुले रह सकते हैं रेस्तरां, होटल
24*7 डिलिवरी के लिए भी इजाज़त
2016 से लंबित पड़े थे 18 आवेदन
इनमें से कई प्रतिष्ठान 2016 से इसकी अनुमति चाह रहे थे, लेकिन उनके आवेदन पेंडिंग पड़े हुए थे. कुल 346 आवेदन लंबित थे, जिनमें 2016 के 18 आवेदन, 2017 के 26, 2018 के 83 आवेदन, 2019 के 25, 2020 के 04, और 2021 के 74 आवेदनों पर आज तक श्रम विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी.
दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एलजी ने बताया श्रम विभाग अव्यवसायिक रवैया जाहिर कर रहा था. आवेदनों को प्रोसेस करने में विभाग 'पिक एंड चॉइस पॉलिसी' अपना रहा था. इस तरह की व्यवस्था में भ्रष्ट आचरण भी किया जा सकता है. उपराज्यपाल ने श्रम विभाग को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि भविष्य में इस तरह की देरी न हो, पारदर्शी और प्रभावी निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए, लंबित होने के कारणों का पता लगाया जाए. जिम्मेदारी तय की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.